ऐसा कहा जा रहा है कि डी कंपनी ने अपना नया हेडक्वार्टर बना लिया है. यह नया हेडक्वार्टर अमेरिका के बेलीज में बनाया गया है. आज तक ने एक बड़ा खुलासा किया है कि कैसे डी कंपनी अपनी शिनाख्त औऱ शख्सियत दोनों बदल रहा है. कैसे वो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैला रहा है अपना जाल. डी कंपनी के इस नए अड्डे का ख़ुलासा तब हुआ जब भारतीय एजेंसियों को पता लगा कि दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम ने बेलीज़ देश का पासपोर्ट हासिल कर लिया है. इस पासपोर्ट का नंबर है -A001407 और इस पासपोर्ट को इस्तेमाल किया अनीस इब्राहिम ने. यानी इस पासपोर्ट की बिनाह पर अनीस इब्राहिम ने बेलीज़ की नागरिकता ले ली.
साजिश के तहर बदली नागरिकता
सूत्रों के मुताबिक अनीस इब्राहिम ने 2 सिंतबर 1996 को ही भारतीय पासपोर्ट दुबई के काउंसलेट में जमा करा दिये थे. उसके बाद से ही भारतीय एजेंसियों को शक हो गया था कि अनीस किसी दूसरे देश के पासपोर्ट पर पाकिस्तान और सउदी अरब के सफ़र कर रहा है. एक लंबी जांच पड़ताल के बाद भारतीय जांच एजेंसियों को दुबई से ही ख़बर मिली कि अनीस इब्राहिम ने मध्य अमेरिका के मुल्क बेलीज की नागरिकता ले ली है और दुबई से ही उसने बेलीज़ का ये पासपोर्ट हासिल कर लिया है. मुंबई बम धमाकों के जांच अधिकारी ओ पी चटवाल, जिन्होंने दाउद और अनीस के ख़िलाफ़ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था उन्होंने बताया कि साज़िश के तहत दाउद के भाई अनीस ने बेलीज़ की नागरिकता हासिल कर ली. जब भारत सरकार को इसका पता चला तो सरकार ने दबाव बनाकर इस पासपोर्ट को रद्द करवाया. लेकिन इसके पीछे अनीस की साज़िश कहीं ज़्यादा ख़तरनाक थी.
दाउद भी अब दाउद नहीं रहा
भारत सरकार ने अनीस की पासपोर्ट तो रद्द करवा दिया लेकिन सवाल बरकरार है कि पासपोर्ट के साथ ही क्या मध्य अमेरिका के इस जन्नत से खतरनाक डी कंपनी के फुटप्रिंट खत्म हो गए या बेलीज़ अब भी बना हुआ है डी कंपनी का महफूज ठिकाना. डॉन पहचान बदल कर एक मुल्क से दूसरे मुल्क में घूम रहा है और अंतरराष्ट्रीय पुलिस अब भी उनकी पुरानी पहचान हाथ में लिए घूम रही है. सिर्फ अनीस ही नहीं है जिसने अपनी शिनाख्त बदल डाली है. दाऊद इब्राहिम भी बदल चुका है चोला. यहां तक कि मुंबई हमलों का मुख्य आरोपी टाइगर मेमन भी अब टाइगर मेमन नहीं रहा. 1993 के मुंबई बम धमाकों का मास्टरमाइंड और पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई का सबसे ख़तरनाक मोहरा. वो शख्स जिसका नाम सुनकर मुंबई के बड़े से बड़े बिल्डरों की रूह कांप जाती है, इस शख्स का नाम है टाइगर मेमन.
टाइगर मेमन बना जमाल
लेकिन पाकिस्तान में मुंबई बम धमाकों के इस मास्टर माइंड को कोई टाइगर मेमन के नाम से नहीं जानता. वहां टाइगर मेमन का नाम है जमाल. पाकिस्तान में टाइगर मेमन को लोग जमाल के नाम से जानते हैं. यह खुलासा भी किया है ओपी चटवाल ने. चटवाल ने बताया कि भारत के पास ऐसे सबूत हैं कि टाइगर मेमन और उसकी फैमिली को पाकिस्तान ने नकली नामों पर असली पासपोर्ट बना दिया है. पासपोर्ट पर टाइगर की असली फोटो है लेकिन नाम नकली है. टाइगर मेमन का नाम जमाल है.
दाउद के पास हैं कई पासपोर्ट
टाइगर के बाद बात दाउद इब्राहिम की. दाउद का नया नाम है शेख दाऊद हसन. पाकिस्तान में उसे इसी नाम से जाना जाता है. लेकिन दाऊद के पास पाकिस्तान का सिर्फ़ एक नहीं बल्कि कई पासपोर्ट हैं. और ये पासपोर्ट पाकिस्तान के आला अफ़सरों ने ख़ुद डॉन के हाथ में सौंपे हैं. इन्हीं पासपोर्ट के सहारे दाऊद इब्राहिम सउदी अरब से लेकर सिंगापुर तक बेरोक-टोक सफ़र कर रहा है. इस बात की तसदीक भी मुंबई बम धमाकों के जांच अधिकारी और मौजूदा वक्त में सीबीआई के कंसल्टेंट ओपी चटवाल ने की. इन ख़ुलासों से साफ़ ज़ाहिर है कि दाऊद के नाम पर जारी होने वाले इंटरपोल नोटिस का कोई मतलब नहीं रह जाता. क्योंकि दाऊद ने अपनी शिनाख़्त ही पूरी तरह बदल ली है. शायद इसी बिनाह पर पाकिस्तान बार-बार यही रट लगाता है कि उसके पास दाऊद इब्राहिम नाम का कोई शख्स नहीं है.