1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ तैयार आरोपपत्र से संबंधित याचिका पर दिल्ली की अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया. इस आरोपपत्र को कभी भी किसी न्यायिक अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी के गोयल ने कहा कि पुलिस को किसी सक्षम अदालत के समक्ष आरोपपत्र दायर करने का निर्देश दिया जाए या नहीं, इस पर 21 मई को फैसला होगा. अदालत ने 21 अप्रैल को कहा था कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में बाहरी दिल्ली के पूर्व सांसद के खिलाफ आरोपपत्र में उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन अभियोजन के लिए इसे किसी न्यायाधीश के समक्ष कभी नहीं लाया गया.
विशेष लोक अभियोजक बी एस जून ने अदालत में कहा था, ‘‘नांगलोई पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले के आधार पर आरोपपत्र तैयार किया गया, जिसमें सज्जन कुमार को आठ अप्रैल 1992 को अभियुक्त बनाया गया, लेकिन इसे पुलिस फाइलों में दबाए रखा गया और किसी भी अदालत के समक्ष पेश नहीं किया गया.’’