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पीएम मोदी को सीटीआई का पत्र, मास्क-सैनिटाइजर को जीएसटी फ्री करने की मांग

बृजेश गोयल ने पत्र में कहा कि इस समय पूरा देश कोरोना जैसी गंभीर महामारी से जूझ रहा है और संकट की इस घड़ी में देश के 6 करोड़ और दिल्ली के 15 लाख व्यापारी पूरी तरह से सरकार के साथ खड़े हैं.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)
सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)

  • कोरोना के खिलाफ इस्तेमाल उपकरणों को जीएसटी फ्री करने की मांग
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व्यापारियों के संगठन सीटीआई ने लिखा पत्र

देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. कोविड-19 के इलाज के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन नहीं बनी है. इस बीच व्यापारियों के संगठन सीटीआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और जरूरी उपकरणों पर जीएसटी हटाए जाने की मांग की है.

कोरोना की वैक्सीन न होने के कारण खुद को बचाए रखना ही सबसे बड़े उपचार के तौर पर देखा जा रहा है. खुद को बचाने के लिए मास्क पहनने, सैनिटाइजर या हैंडवॉश से हाथों को धोने आदि की सलाह दी गई है. हालांकि इन सामानों पर जीएसटी भी लगती है, जिसको हटाए जाने की मांग की गई है.

cti_042320024053.jpgपीएम मोदी को लिखा पत्र

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पीएम मोदी से की मांग

चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के कन्वीनर बृजेश गोयल ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. पत्र के जरिए पीएम मोदी से मांग की गई है कि कोरोना से संबंधित औषधियों और उपकरणों पर भी जीएसटी लग रहा है जो कि उचित नहीं है. इसलिए कोरोना से संबंधित औषधियों और उपकरणों को जीएसटी मुक्त किया जाए.

बृजेश गोयल ने पत्र में कहा कि इस समय पूरा देश कोरोना जैसी गंभीर महामारी से जूझ रहा है और संकट की इस घड़ी में देश के 6 करोड़ और दिल्ली के 15 लाख व्यापारी पूरी तरह से सरकार के साथ खड़े हैं.

कितना लगता है जीएसटी?

पत्र में बताया गया है कि कोरोना से लड़ने वाली कुछ प्रमुख चीजों पर भी जीएसटी लगाया जा रहा है. इनमें सैनिटाइजर, लिक्विड हैंड वॉश और हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन पर 18 फीसदी जीएसटी लग रहा है. वहीं पीपीई किट, वेंटिलेटर, ग्लव्ज और ब्लड टैस्ट स्ट्रिप्स पर 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है. इसके अलावा मास्क पर 5 फीसदी जीएसटी लग रहा है.

सीटीआई के मुताबिक कोविड-19 के इस मुश्किल वक्त में ट्रेडर लगातार केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस महामारी के उपचार से जुड़े सभी छोटे-बड़े उपकरण और औषधियां जीएसटी मुक्त किए जाएं. साथ ही सीटीआई का मानना है कि बीमारी और गरीबी से जूझती जनता से सैनिटाइजर, साबुन, मास्क, दस्ताने आदि पर जीएसटी लेना गलत है.

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