कांग्रेस ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायणन का स्थानांतरण मिजोरम किए जाने के मुद्दे पर रविवार को कहा कि सरकार सत्ता का मनमाने ढंग से इस्तेमाल कर रही है. शंकरनारायण का स्थानांतरण उनके शेष कार्यकाल के लिए पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम कर दिया गया है.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने यहां कहा, 'सरकार मनमाने ढंग से सत्ता का इस्तेमाल कर रही है. यह पूर्वाभास की तरह है. पहले कमला बेनीवाल का स्थानांतरण मिजोरम कर दिया गया, उसके बाद उन्हें टीवी से यह पता चला कि उन्हें मिजोरम के राज्यपाल के पद से हटा दिया गया है. तानाशाही वास्तव में इस सरकार के डीएनए में है.'
गुजरात की पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल को पहले मिजोरम स्थानांतरित किया गया और उसके बाद पद के दुरुपयोग के आरोप में छह अगस्त को बर्खास्त कर दिया गया था.
तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार 2004 में सुनाए गए सर्वोच्च न्यायालय के संवैधानिक बेंच के फैसले के खिलाफ जा रही है.
उन्होंने कहा, 'फैसले में साफ तौर पर कहा गया कि चूंकि राज्यपाल का राज्य की राजनीतिक व्यवस्था या दिल्ली में बैठी सरकार के साथ सीधा संपर्क नहीं होता है और न ही विचारधारा से मेल होता है. इसलिए किसी भी स्थिति में राज्यपाल के साथ इस तरह का लापरवाह रवैया नहीं अपनाया जा सकता.'
शंकरनारायणन को कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में 2012 में दूसरी बार महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. उनका कार्यकाल 2017 में समाप्त होने वाला है.