उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष में एक पत्रकार समेत 26 लोगों की मौत हो गई और कई जगह पथराव और आगजनी की घटनाओं में करीब 40 लोगों के घायल होने की जानकारी है. हालात के मद्देनजर जिले के तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. साथ ही प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है.
मौत के ताजा आंकड़ों की जानकारी जिले के डीएम ने दी. डीएम ने बताया कि अब तक कुल 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हर तरफ सेना तैनात है और हालात काबू में है. शहर में तीन दिन के लिए स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे.
वहीं, सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस वारदात को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की और इस फसाद के दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी. इसके अलावा उन्होंने वारदात में मारे गए पत्रकार के परिजनों को 15-15 लाख, अन्य मृतकों के परिवार के लोगों को 10-10 लाख, गम्भीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार तथा मामूली रूप से जख्मी लोगों को 20-20 हजार रुपए की सहायता देने की घोषणा की है.
जिलाधिकारी ने हालात के मद्देनजर सेना की मेरठ उपकमान को पत्र लिखकर मदद मांगी है. गृहसचिव कमल सक्सेना ने बताया कि 28 कंपनी केन्द्रीय बल मांगा गया है जिसमें से 17 कंपनी मुजफ्फरनगर में तथा बाकि मेरठ, सम्भल, बिजनौर, अमरोहा और बागपत में तैनात की गई हैं.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गत 27 अगस्त को कवाल क्षेत्र में दो मोटरसाइकिलों की टक्कर के बाद हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत की घटना के सिलसिले में दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग पर बल देने के लिए सिखेड़ा थाना क्षेत्र के नगला गांव में आयोजित महापंचायत में शामिल होने जा रहे लोगों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली पर पथराव हुआ. इस वारदात से नाराज वाहन सवार लोगों ने आगे जाकर शाहपुर में एक समुदाय के लोगों के साथ मारपीट की.
साम्प्रदायिक तनाव की पृष्ठभूमि
पुलिस सूत्रों ने बताया कि ट्रॉली पर पथराव की खबर मिलने पर महापंचायत में शामिल भीड़ में रोष व्याप्त हो गया और ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर उस आयोजन से लौट रहे लोगों ने शहर में जगह-जगह हिंसा की. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान हिंसा पर उतारू लोगों ने पुलिस के फोटोग्राफर इसरार की लोहे की छड़ों से पीट-पीटकर हत्या कर दी. इससे शहर में तनाव फैल गया और दूसरे समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए. इसके बाद उनमें तथा ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से वापस लौट रहे लोगों के बीच जमकर पथराव और गोलीबारी हुई जिसमें एक समाचार चैनल के स्थानीय संवाददाता राजेश वर्मा की गोली लगने से मृत्यु हो गयी.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जौली, पुरगालिया समेत अनेक गांवों में पथराव और फायरिंग हुई, जिसमें चार अन्य लोग मारे गये तथा करीब 40 लोग जख्मी हो गये. सूत्रों के मुताबिक पुरगालिया गांव में ही बलवाइयों ने छह मकान जला डाले और एक खड़ी बस में आग लगा दी.
कई जगह कर्फ्यू लगाया गया
इस बीच, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरूण कुमार ने बताया कि स्थिति की गंभीरता और तनाव को देखते हुए सिविल लाइंस, कोतवाली और नयी मंडी थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है. पांच कम्पनी पीएसी और पांच कम्पनी रैपिड एक्शन फोर्स को तत्काल मुजफ्फरनगर रवाना किया गया है.
उन्होंने बताया कि इस वारदात के बाद पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा 28 कम्पनी अतिरिक्त पुलिस बल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर तैनात करने के निर्देश दिये गये हैं. पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) तथा पुलिस महानिरीक्षक (मेरठ जोन) को मुजफ्फरनगर में मौजूद रहकर स्थिति पर नजर रखने के आदेश दिये गये हैं.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस दंगे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए आगाह किया कि राज्य का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, ‘हमारी पूरी कोशिश है कि हालात बेहतर हों. जहां सख्त कार्रवाई की जरूरत होगी, वहां की जाएगी. मेरी लोगों से अपील है कि वे अफवाहों पर ध्यान ना दें. संयम से काम लें. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.’
साम्प्रदायिक हिंसा पर राजनीति
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा को सरकार, पुलिस और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा करार दिया है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में पिछले 15 दिनों से हालात खराब थे, लेकिन प्रशासन और पुलिस एकतरफा कार्रवाई करने में व्यस्त रही.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री ने मुजफ्फरनगर की वारदात को प्रशासन की नाकामी करार दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश साम्प्रदायिक हिंसा की तरफ बढ़ रहा है और मुख्यमंत्री हर सम्भव सख्त कदम उठाकर मुजफ्फरनगर के हालात को ठीक करें. आल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने प्रदेश के लोगों से अमन कायम रखने की अपील करते हुए कहा कि कुछ देश विरोधी ताकतें हिन्दुओं और मुसलमानों को लड़ाना चाहती हैं. उनसे होशियार रहने तथा उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है.