कोयला घोटाला सिर्फ संसद और सुप्रीम कोर्ट के लिए ही अहम मसला नहीं है, बल्कि यह जांच एजेंसी सीबीआई के लिए भी काफी 'हॉट' केस है. सीबीआई के भीतर भी इस समय प्रधानमंत्री से पूछताछ किए जाने को लेकर गंभीर चर्चा गरमाती जी रही है.
साल 2006 से 2009 के बीच कोयला मंत्रालय का प्रभार भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ही पास था. इसी को लेकर सीबीआई उनसे पूछताछ करना चाहती है.
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, कोयला घोटाला मामले में पिछले महीने ही प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार की गई है. इस मामले की जांच से जुड़े सीबीआई के एसपी केआर चौरसिया ने प्रधानमंत्री से पूछताछ किए जाने की 'जरूरत' बताई है. पेंडिंग एक्शन की लिस्ट काफी लंबी है. इसमें कई सरकारी और गैर सरकारी अधिकारियों से पूछताछ का मामला भी पेंडिंग बताया गया है.
हालांकि सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. बताया जा रहा है कि जब पिछले माह उनके पास यह फाइल आई, तो उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रधानमंत्री से पूछताछ किए जाने की जरूरत नहीं है.
बीजेपी का हंगामा, पीएम से हो पूछताछ
इन सबके बीच, बीजेपी ने मांग की है कि कोयला घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ होनी चाहिए, ताकि पूरा सच सामने आ सके.
कोलगेट की गुम फाइलों को लेकर बुधवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन स्थगित कर दिया गया. बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने आरोप लगाया कि कोयला घोटाले में लगातार पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री से भी पूछताछ होनी चाहिए.
बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि अगर सीबीआई कोलगेट में प्रधानमंत्री से पूछताछ करती है, तो देश में इस तरह का यह पहला मामला होगा. उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह को पीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
कोयला घोटाले पर बीजेपी नेता कीर्ति आजाद ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है. उन्होंने कहा कि कानून को अपना काम करना चाहिए, चाहे आरोपी 'बड़ा' हो या 'छोटा'.
गौरतलब है कि कोयला घोटाले की गुम फाइलों का मसला लगातार गरमाता ही जा रहा है. एक ओर प्रधानमंत्री ने मंगलवार को संसद में यह सफाई पेश की कि गुम फाइलों की तलाश की जा रही है और इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. दूसरी ओर बीजेपी समेत विपक्ष प्रधानमंत्री पर लगातार निशाना साध रहा है. बहरहाल, यह मसला ठंडा पड़ता नजर नहीं आ रहा है.