गुजरात के सूरत स्थित तक्षशिला कॉम्प्लेक्स में लगी भीषण आग में 22 स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस कोचिंग सेंटर संचालक और बिल्डर की तलाश कर रही है. आरोपी कोचिंग संचालक भार्गव भूटानी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया और दो बिल्डरों की पहचान हर्षुल वेकारिया और जिग्नेश पालीवाल के रूप में हुई है. ये दोनों फरार चल रहे हैं. बताया जा रहा है कि अग्निकांड में झुलसे 14 स्टूडेंट्स का इलाज अभी भी सूरत के चार अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. इनमें से तीन को आईसीयू में रखा गया है।
डॉक्टर जेएन सिंह के मुताबिक, पिछले दो दिनों में सूरत की घटना के बाद पूरे गुजरात में 9395 भवनों चिन्हित करके उनके मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जिन्हें नोटिस जारी किया गया है, उन्हें तीन दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है. साथ ही 1123 कोचिंग सेंटर संचालकों को भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है. उन्हें तीन दिन के अंदर अग्नि सुरक्षा मानक को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.
Gujarat Chief Secy, Dr JN Singh: In the past 2 days, 9395 buildings all over Gujarat have been given show cause notice after a preliminary inspection, after Surat incident. Those issued show cause notice need to reply in 3 days. https://t.co/7evHU6TcX8
— ANI (@ANI) May 26, 2019
मुख्य सचिव ने कहा कि सूरत नगर निगम ने इमारत की चौथी मंजिल पर बने ढाचे में अग्नि सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने के लिए उप अग्निशमन अधिकारी एस.के. आचार्य और अग्निशमन अधिकारी को पहले ही निलंबित कर दिया है. साथ ही राज्य के सभी नगर पालिकाओं और नगर निगमों ने इमारतों की पहचान करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है. ऐसी इमारतों की पहचान करने के लिए 713 टीमों का गठन किया है.
मुख्य सचिव ने कहा कि हमने पहले ही 9,900 से अधिक इमारतों की हाउसिंग ट्यूशन क्लास, मॉल और अस्पताल में जांच की है. शनिवार और रविवार के बीच प्रशासन ने अग्नि सुरक्षा नियमों के उल्लंघनों के लिए सूरत में कम से कम 50 संपत्तियों को सील किया गया है.
इधर, गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि नैतिकता के आधार पर मेयर और नगर निगम आयुक्त को इस्तीफा दे देना चाहिए. कोचिंग सेंटर चलाने के लिए अनुमति किसने दी? नियमों का पालन करना जिम्मेदार अधिकारियों का नैतिक कर्तव्य है.
Former Gujarat CM Shankersinh Vaghela on Surat fire incident: The mayor and municipal commissioner should resign on moral grounds. It was a man-made disaster. Who gave necessary permissions to the establishment? It is moral duty of the concerned officers to follow the rules. pic.twitter.com/kKtaanIIHi
— ANI (@ANI) May 26, 2019
एनजीओ ने पीएम को लिखा पत्र
अग्नि सुरक्षा और बचाव के क्षेत्र में काम कर रहे एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोकने के लिये एक कड़ा कानून बनाने की मांग की है. यूनाइटेड ह्यूमन राइट्स फेडरेशन (यूएचआरएफ) ने शुक्रवार को गुजरात के सूरत जिले में घटी आग की घटना के मद्देनजर यह मांग की है. यूएचआरएफ के अध्यक्ष संतोष बागला ने कहा कि फरवरी में दिल्ली के करोल बाग के एक होटल में आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई और अब सूरत, जहां अग्निकांड में मासूम छात्रों की जान चली गई. आग की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ा कानून लाने से पहले हमें कितने अग्निकांड देखने होंगे?'