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मेजर गोगोई को क्लीन चिट: सूत्र, इंडिया टुडे नेटवर्क की 15 मई की रिपोर्ट पर मुहर

'कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी' में मेजर गोगोई को क्लीन चिट मिलने से इंडिया टुडे नेटवर्क की 15 मई की रिपोर्ट सही साबित हुई है जो सेना के सूत्रों के हवाले से प्रकाशित की गई थी.

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मेजर गोगोई को क्लीन चिट
मेजर गोगोई को क्लीन चिट

सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 'कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी' में मेजर नितिन गोगोई के खिलाफ कुछ नहीं मिला. अभी कागजी काम पूरा होना है लेकिन साफ संकेत है कि जांच में मेजर गोगोई का कोई दोष नहीं पाया गया. इससे पहले सोमवार को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) की ओर से मेजर गोगोई को प्रशंसा कार्ड दिया गया था. सूत्रों के मुताबिक मेजर गोगोई जम्मू डिवीजन में ही तैनात रहेंगे. सेना ने उन्हें 53 राष्ट्रीय राइफल्स में ही रखने का फैसला किया है. सूत्रों ने कहा कि मेजर गोगोई ने जो भी किया वो तकनीकी रूप से सही नहीं हो लेकिन अगर ऐसी ही स्थिति दोबारा होती है तो सेना अपने लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी.

'कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी' में मेजर गोगोई को क्लीन चिट मिलने से इंडिया टुडे नेटवर्क की 15 मई की रिपोर्ट सही साबित हुई है जो सेना के सूत्रों के हवाले से प्रकाशित की गई थी. इस रिपोर्ट में कश्मीर में एक युवा नागरिक को जीप के बोनेट से बांधने से जुड़ी घटना के संबंध में सेना की 'कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी' में मेजर गोगोई को 'क्लीन चिट' दिए जाने का संकेत दिया गया था.

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हालांकि जम्मू-कश्मीर में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने 16 मई को एक बयान मे 'कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी' में मेजर गोगोई को क्लीन चिट दिए जाने का खंडन किया था. प्रवक्ता ने कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी जारी होने की बात करते हुए, ये भी कहा था कि मेजर गोगोई को क्लीन चिट दिए जाने संबंधी मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्ट अटकलबाजी है. तब नई दिल्ली में सेना के प्रवक्ता ने भी कहा था कि सीओआई ने अभी तक रिपोर्ट नहीं दी है. इसलिए इन्क्वॉयरी के निष्कर्षों को लेकर अटकल लगाना उपयुक्त नहीं है.

23 मई को जारी ऑर्डर में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की ओर से प्रशंसा पाने वाले चार अधिकारियों में मेजर गोगोई का नाम चौथे क्रमांक पर है. आर्डर में लिखा गया है कि चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने इन कार्मिकों को उनकी ड्यूटी के लिए समर्पण/विशिष्ट सेवा को देखते हुए अपनी प्रशंसा प्रेषित करने के लिए निर्देशित किया है. इस संबंध में एंट्री उनके रिकॉर्ड ऑफ सर्विस में दर्ज की जाए. सेना के सूत्रों की ओर सोमवार को ये साफ किया गया था कि मेजर गोगोई को काउंटर इनसर्जेंसी ऑपरेशन्स में उनके सतत प्रयासों के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का प्रशंसा कार्ड दिया गया है.

इंडिया टुडे नेटवर्क ने 15 मई को अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया था कि सेना की ओर से जम्मू-कश्मीर में बुलाई गई कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी में मेजर गोगोई को क्लीन चिट दे दी गई है. ये कोर्ट ऑफ इनक्वॉयरी 9 अप्रैल की उस घटना के संबंध में बिठाई गई थी, जिसमें एक कश्मीरी युवा को सेना की जीप के बोनेट से बांधकर घुमाया गया था. इंडिया टुडे नेटवर्क की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से ये भी बताया गया था कि इस घटना में कोर्ट मार्शल का तो सवाल ही नहीं. यहां तक कि ऑफिसर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी सिफारिश नहीं की गई है.

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इंडिया टुडे नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी को कर्नल रैंक के अधिकारी ने हेड किया था और ये एक तथ्यान्वेषी मिशन था. इसमें जीप से बांधे गए युवक फारूक अहमद डार को भी अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था.

सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने अंग्रेजी अखबार 'इकोनॉमिक टाइम्स' को दिए हालिया इंटरव्यू में कहा, 'मौजूदा कोर्ट ऑफ इनक्वॉयरी अपने नतीजे पर पहुंचेगी लेकिन जहां तक मुझे पता है उन्होंने (मेजर गोगोई) कोई अपराध नहीं किया, जिसके लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जरूरत हो. और अगर वो किसी खामी के लिए दोषी पाए भी जाते हैं तो उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी. मैं कोई कारण नहीं पाता कि उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई की जाए'.

जनरल रावत ने ये भी कहा कि मेजर गोगोई को प्रशंसा कार्ड कश्मीर घाटी में मुश्किल हालात में ऑपरेट कर रही भारतीय सेना के रैंक और फाइल को प्रेरित करने के उद्देश्य से दिया गया है. जनरल रावत ने कहा, 'संदेश लोगों के लिए नहीं है. मेरा सरोकार अपने रैंक और फाइल से है. अगर वो प्रेरित होंगे तो वो एक्शन लेंगे और स्थिति को काबू से बाहर नहीं जाने देंगे.'

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ से प्रशंसा कार्ड मिलने के बाद मेजर गोगोई ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने कश्मीरी युवक को जीप से इसलिए बांधा था कि पत्थरबाज दूर रहें और कई जानों को बचाया जा सके. मेजर गोगोई के मुताबिक अगर वो 9 अप्रैल को श्रीनगर में उपचुनाव के दिन फायरिंग का ऑर्डर देते तो कई जानें जा सकती थीं.

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