भारत और कनाडा ने असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर मुहर लगा दी. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके कनाडाई समकक्ष स्टीफन हार्पर ने इसे एक ऐतिहासिक घटनाक्रम बताते हुए कहा कि इस समझौते से दोनों देशों के लिए अपार संभावनाओं के द्वार खुलेंगे.
राष्ट्रमंडल शिखर बैठक से इतर दोनों नेताओं के बीच मुलाकात में यह करार संपन्न हुआ. दुनिया का सबसे बड़ा यूरेनियम उत्पादक देश कनाडा भारत के साथ असैन्य परमाणु करार करने वाला आठवां देश बन गया है. परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनसीजी) ने बीते वर्ष सितंबर में भारत पर 34 वर्ष पुराना प्रतिबंध समाप्त कर दिया था, जिससे वह परमाणु सामग्री के व्यापार में वैश्विक समुदाय में शामिल हो गया था.
अमेरिका, फ्रांस, रूस, मंगोलिया, कजाखस्तान, अर्जेन्टीना और नामीबिया भारत के साथ पहले ही असैन्य परमाणु करार पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. गौरतलब है कि 17 नवंबर को कनाडाई प्रधानमंत्री भारत आये थे और दोनों देशों ने घोषणा की थी कि वे एक असैन्य परमाणु करार करने के लिए कार्यरत हैं.