देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ संग्राम जारी है. दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक घटनाएं सामने आई हैं. हिंसक प्रदर्शन के चलते देश के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवा पर बैन लगाया गया है. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि ऐसा लग रहा है कि देश में जो मंदी का माहौल है, उससे लोगों को ध्यान बांटने के लिए नागरिकता संशोधन कानून लाने की पहल की गई है.
शरद पवार ने कहा कि जब बीजेपी ने नागरिकता संशोधन बिल सदन में रखा था तो हमारी पार्टी ने इसका विरोध करते हुए सरकार को आगाह किया था कि ऐसा भेदभाव करने से देश भर में सामाजिक और धार्मिक एकता पर संकट आ सकता है. आज ऐसा ही हो रहा है. जामिया मिलिया में पुलिस कार्रवाई पर शरद पवार ने कहा कि जैसे हमने लोगों से संयम रखने की अपील की थी उसी तरह पुलिस को भी संयम रखना चाहिए.
NCP Chief Sharad Pawar: Why allow migrants only from Pakistan, Bangladesh and Afghanistan, under Citizenship Act? Why not from Sri Lanka also? pic.twitter.com/BC4t6AbfSC
— ANI (@ANI) December 21, 2019
नागरिकता संशोधन कानून पर शरद पवार ने कहा कि लोगों को एक साल का समय देना चाहिए. इस सरकार को उसके बाद अपनी राय देनी चाहिए. NRC और CAB मामले सरकार को इस संबंध में बिल लाने से पहले सदन में सभी राजनीतिक पार्टियों से विचार-विर्मश करना चाहिए था.
एल्गार परिषद मामले में क्या बोले शरद पवार
एल्गार परिषद पुलिस केस को लेकर शरद पवार ने कहा कि हमें भी धमकी वाले, हत्या करने वाले खत आते थे. हमने ऐसे लोगों पर देशद्रोह के मामले दर्ज करने को नहीं कहा था बल्कि हमने तो ध्यान ही नहीं दिया था. हालांकि उन्होंने अपने पूर्व के बयान पर स्पष्टीकरण भी दिया. उन्होंने कहा कि एल्गार मामले में जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की बात मैंने नहीं कही थी. मुझे वैसा नहीं कहना था. इस मामले की जांच SIT करानी चाहिए.