तुर्की के अंताल्या में जी-20 सम्मेलन में भारत के पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग की मुलाकात से एक दिन पहले चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया. भारत सेना का कहना है कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी जम्मू-कश्मीर के लेह जिले के चुशूल में घुसी.
एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि पीएलए के सदस्य 14 नवंबर को भारतीय जमीन पर घुसे और कथित तौर पर 'गो बैक' वापस जाओ के बैनर दिखाए. चीनी द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करना असामान्य नहीं हैं लेकिन चिंता का विषय यह है कि ये उस समय हुआ जब दोनों देश एक महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत में लगे हुए हैं.
पिछले साल जब राष्ट्रपति जिनपिंग भारत दौरे पर थे तो कुछ इसी तरह की स्थिति थी. भारतीय सेना और चीनी सैनिक लेह जिले के चुमार में आमने-सामने थे. यह स्थिति तीन दिन तक जारी रही और चीनी सैनिकों को वापस भेजने के लिए भारत को अतिरिक्त सैनिक भेजने पड़े.
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, सीनियर अधिकारी का कहना है कि 14 नवंबर को चीनी सैनिक एक हल्के बख्तरबंद वाहन में भारतीय क्षेत्र चुशूल में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त देखा गया था. जैसे ही वो भारतीय सीमा में आगे बढ़े भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने तुरंत वापस जाने को कहा.
16 नवंबर को पीएम मोदी और जिनपिंग जी-20 सम्मेलन शुरू होने से पहले ब्रिक्स नेताओं के साथ मिले. साल में लगभग 400 बार वास्तविक नियंत्रण रेखा के उल्लंघन की बात सामने आती है.
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन जाने से पहले कहा था कि मुझे मेरी यात्रा से उम्मीद है. उम्मीद करता हूं कि यह आपसी समझ और विश्वास को गहरा करने में मदद करेगी. मेरी चीन यात्रा के दौरान मेरा इरादा एक दूसरे से सीखने और बेहतर समझ विकसित करने की परंपरा को अधिक मजबूत करने का है. मेरी चीन यात्रा के दौरान मेरा इरादा एक दूसरे से सीखने और बेहतर समझ विकसित करने की परंपरा को अधिक मजबूत करने का है.'
पिछले एक दशक में किसी भारतीय गृहमंत्री की यह पहली यात्रा है.