भारतीय नौसेना चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने गुरुवार को रक्षा पर चीनी श्वेत पत्र पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत को बजट आवंटन की सीमाओं के भीतर चीनी सेना के बढ़ते विस्तार का जवाब देने की जरूरत है. बता दें कि बुधवार को जारी किए गए चीनी श्वेत पत्र में कहा गया है कि साल 2012 से 2017 के बीच चीन के रक्षा खर्च में औसतन 9.42 फीसदी की वृद्धि हुई और भविष्य के सैन्य विकास के लिए योजनाएं तैयार की गई हैं.
नेवी चीफ करमबीर सिंह के मुताबिक, ‘यह सिर्फ श्वेतपत्र नहीं है जो ये कह रहा है. यह पूर्व में कहा जा चुका है. वे (चीन) ग्लोबल पावर बनने के लक्ष्य के अनुरूप बहुत सारे संसाधनों को नौसेना में स्थानांतरित कर रहे हैं. हमें इस ओर ध्यान से देखना होगा और देखना होगा कि हम अपने बजट और बाधाओं के भीतर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.’
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपने नौसैनिक अभियानों का विस्तार करता रहा है. साथ ही उन्होंने रक्षा के लिए कम बजट आवंटन पर बोलते हुए कहा, ‘नौसेना निर्माण के लिए लंबे समय से राजकोषीय समर्थन की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि केवल हम ही योजना बना सकते हैं.’
एडमिरल सिंह गुरुवार को राजधानी दिल्ली में ‘नेशनल बिल्डिंग थ्रू शिप बिल्डिंग’ को लेकर आयोजित एक सेमिनार के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने यहां भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण की परियोजनाओं जैसे तीसरे एयरक्राफ्ट के निर्माण के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया, 'हमारी योजना 65,000 टन क्षमता के इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन और केटापुल्ट असिस्टेड टेक-ऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी (सीएटीओबीएआर) बनाने की है ताकि अगर तीन एयरक्राफ्ट कैरियर हमारे पास हों तो किसी भी समय हमारे पास दो ऑपरेशनल हो सकें.'
साथ ही उन्होंने ने बताया कि भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ अपने निर्माण के अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है और इसके साल 2020 में समुद्री परीक्षण शुरू होने की संभावना है. नेवी चीफ करमबीर सिंह ने कहा कि टेक्नोलॉजी का हस्तांतरण करना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारा प्रयास भविष्य में सभी प्लेटफार्मों का निर्माण स्वदेशी रूप से करना है. उन्होंने कहा कि मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर और नेवल यूटिलिटी हेलीकॉप्टर जैसे अन्य प्रोजेक्ट निर्माण इस दिशा में हो रहा है.
नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि साल 2050 तक, भारतीय नौसेना के पास 200 जहाज और 500 विमान रखने का लक्ष्य है. सरकार ने भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए 56 नए युद्धपोतों और छह पनडुब्बियों को शामिल करने की मंजूरी दी है.