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चीन ने फिर चली एक कूटनीतिक चाल

चीन ने फिर से एक सोची-समझी कूटनीतिक चाल चली है. मानचित्रों में भारत की सरहदें छोटी करने पर तुला है चीन. ताजा मामला कश्मीर से जुड़ा है. चीन ने इसे अब एक अलग देश बताना शुरू कर दिया है.

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चीन ने फिर से एक सोची-समझी कूटनीतिक चाल चली है. मानचित्रों में भारत की सरहदें छोटी करने पर तुला है चीन. एक बार फिर चीन ने जता दिया है कि भारत के जिन इलाकों में पड़ोसी देशों से तनाव है उसे वो भारत का हिस्सा नहीं मानता. ताजा मामला कश्मीर से जुड़ा है. चीन ने इसे अब एक अलग देश बताना शुरू कर दिया है.

कश्‍मीर को एक अलग देश बताया
काठमांडू से आ रही खबरों के मुताबिक तिब्बत आए पर्यटकों और पत्रकारों को एक नक्शा बांटा जा रहा है, जिसमें कश्मीर को एक अलग देश बताया गया है. तिब्बत में बांटे जा रहे मीडिया किट में चीन के बनाए नक्शों के साथ तिब्बत के बारे में भी कुछ जानकारियां भी दी जा रही है. चीन ने इस मीडिया किट में जो इतिहास लिखा है उसके मुताबिक 1950 में ही चीन ने तिब्बत पर हमला कर उसे अपने कब्जे में ले लिया था.

तिब्‍बत से जुड़ी 4 देशों की सीमाएं
इसमें ये भी लिखा है कि तिब्बत की सीमाएं चार देशों से जुड़ी हैं और वो चार देश हैं भारत, नेपाल, म्यांमार और कश्मीर. यानी चीन के बनाए इस मैप के मुताबिक, कश्मीर एक अलग देश है। दूसरी तरफ पाक अधिकृत कश्मीर में डैम बनाने के लिए चीन पाकिस्तान को आर्थिक मदद दे रहा है. यानी उस इलाके पर पाकिस्तान के कब्जे को वो वैध ठहरा रहा है. साफ है कि चीन का ये दोहरा रवैया भारत की सिरदर्दी बढ़ा सकता है.

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