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बिप्लब बोले- त्रिपुरा में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन कोई जरूरत नहीं

असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का दूसरा ड्राफ्ट सामने आया है. इसके बाद त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा है कि त्रिपुरा में एनआरसी की जरूरत नहीं है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) का आखिरी ड्राफ्ट जारी किया जा चुका है. वहां अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को बाहर निकलने की बात चल रही है. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी लागू करने की मांग कर रही रही है.

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब का कहना है कि त्रिपुरा में एनआरसी जैसे रजिस्टर की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने आज कहा कि राज्य में किसी भी प्रकार के नागरिक रजिस्टर की कोई जरूरत नहीं है.

 कल ही असम में एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित किया गया था, जिसमें राज्य के 3.29 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 2.89 करोड़ लोगों के ही नाम हैं. इस प्रकार करीब 40.07 लाख लोगों को इस ऐतिहासिक दस्तावेज में स्थान नहीं मिला है. अब इस ही सूची को असम की पहचान से जोड़ा जा रहा है.

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वहीं, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बीच एक घंटे तक बातचीत हुई है. इसके बाद बिप्लब कुमार देब ने कहा कि त्रिपुरा में एनआरसी की कोई जरूरत नहीं है और साथ ही साथ देब ने यह भी आरोप लगाया कि ‘विदेशी मानसिकता’ के कुछ लोग माहौल को बिगाड़ना चाहते है.

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