भाजपा ने अप्रत्याशित रूप से गृह मंत्री पी चिदंबरम का खुल कर पक्ष लेते हुए उनसे कहा है कि वह सरकार के भीतरी दबाव में अपने पद से इस्तीफा हरगिज़ नहीं दें. यही नहीं, उसने अन्य राजनीतिक दलों से भी चिदंबरम का साथ देने की अपील की है.
पार्टी पदाधिकारियों की गुरुवार को हुई बैठक में चिदंबरम के समर्थन में बाकायदा प्रस्ताव पारित करने के बाद भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘चिदंबरम अगर खुद को (सरकार में) असहाय महसूस कर रहे हैं तो वह उस पर चुप्पी साधने की बजाय खुल कर बोलें.’
रूडी ने कहा, ‘ऐसे आभास मिल रहे हैं कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में चिदंबरम को खुली छूट नहीं मिल रही है, इसलिए वह कुंठित महसूस कर रहे हैं.’ गडकरी की अध्यक्षता और लालकृष्ण आडवाणी की उपस्थिति में गुरुवार को हुई बैठक में पारित प्रस्ताव में चिदंबरम का पक्ष लेते हुए कहा गया है, शिवराज पाटिल के पश्चात चिदंबरम के गृह मंत्री बनने के बाद से गृह मंत्रालय के कामकाज में परिवर्तन आया है.
पार्टी ने कहा है कि नक्सलवाद से कड़ाई से निपटने के लिए गृह मंत्री ने पिछले नज़रिए को बदलने की कोशिश की है लेकिन सरकार में इस मुद्दे पर एकमतता नहीं है. रूडी ने आरोप लगाया है कि संप्रग का एक वर्ग नक्सलवादियों के प्रति नरमी का रुख अपनाने की वकालत करते हुए उग्रवादियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के चिदंबरम के नजरिए का समर्थन नहीं कर रहा है.
रूडी ने कहा, ‘भाजपा किसी भी रूप में चिदंबरम के इस्तीफे की मांग नहीं करती है और ना ही वर्तमान परिस्थिति में उन्हें इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि उनके इस्तीफे को सीधे रूप में माओवादियों की जीत माना जाएगा.’ उन्होंने कहा, चिदंबरम के पास देश की सुरक्षा की जिम्मेवारी है और ‘किसी भी हालत में हम उन्हें एक घायल सैनिक की तरह पीठ दिखाकर भागते हुए नहीं देखना चाहते हैं.’ {mospagebreak}
खुद का समर्थन देने के साथ ही भाजपा ने अन्य राजनीतिक दलों से भी अपील की, ‘चिदंबरम को सभी दलों के समर्थन की ज़रूरत है.’ उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा में नक्सलियों के हाथों सीआरपीएफ के 75 लोगों का मारा जाना निश्चित रूप से सरकार की बड़ी विफलता है. लेकिन भाजपा के लिए देश पहले है, इसलिए वह चिदंबरम के इस्तीफे की मांग नहीं कर रही है.
रूडी के पास हालांकि, इन सवालों का कोई जवाब नहीं था कि मुंबई आतंकी हमले जैसी घटना के समय भाजपा ने ‘देश पहले’ का रवैया क्यों नहीं अपनाया और तत्कालीन गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग क्यों की. भाजपा प्रवक्ता ने कहा, यह बात अलग है कि चिदंबरम कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य पर कसे गए अंग्रेजी के एक मुहावरे के शिकार खुद बन गए हैं और उसी के चलते उन्होंने कहा है कि ‘अंतिम जिम्मेदारी मेरी है’.
उन्होंने कहा, भाजपा को इस बात से मतलब नहीं है कि चिदंबरम की जिम्मेवारी कहां से शुरू होकर कहां समाप्त होती है. पार्टी की चिंता केवल यह है कि आज देश किसी भी हालत में माओवादियों के खिलाफ इस जंग को हारने के लिए तैयार नहीं है. चिदंबरम द्वारा इस्तीफा की पेशकश पर रूडी ने कहा, ‘ऐसी कठिन परिस्थितियों में सत्यवादी बयान देने की जगह वह प्रेरणावादी नेतृत्व दें.’