भारत का पहला मानवरहित अंतरिक्ष यान चंद्रयान-1 मंगलवार को तीसरे कक्ष की बाधाओं को पार कर सफलतापूर्वक चंद्रमा के अंतिम कक्षा में प्रवेश कर गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के निदेशक एस सतीश ने बताया कि चंद्रयान को चंद्रमा के निचले कक्ष में प्रवेश कराने के लिए भारतीय समयानुसार शाम 6.30 करीब 31 सेकेंड तक अतिरिक्त ऊर्जा छोड़ी गई.
अब चंद्रयान चांद के सबसे करीब 102 किलोमीटर और सबसे दूर 255 किलोमीटर के कक्ष में चक्कर लगा रहा है. निचले कक्ष में चंद्रयान चांद का एक चक्कर दो घंटा नौ मिनट में पूरा करेगा. गुरुवार को चंद्रयान को चांद की सतह से करीब 100 किलोमीटर वाले कक्ष में स्थापित किया जाएगा.
सतीश ने बताया कि बुधवार को चंद्रयान चौथे कक्ष में मौजूद होगा जिसकी चांद से निकटतम दूरी 101 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 103 किलोमीटर होगी. उन्होंने बताया कि यान में लगे सभी उपकरण ठीक तरह से काम कर रहे हैं.