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ये हैं मोदी के सामने बड़ी चुनौतियां

प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी के सामने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती है. पिछले एक दशक में जीडीपी के विकास दर 5 प्रतिशत से नीचे रही जो एक रिकॉर्ड था. मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों में उम्मीदें जगाईं और अब उनके सामने चुनौती है कि वह उन्हें पूरा करके दिखाएं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी के सामने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती है. पिछले एक दशक में जीडीपी के विकास दर 5 प्रतिशत से नीचे रही जो एक रिकॉर्ड था. मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों में उम्मीदें जगाईं और अब उनके सामने चुनौती है कि वह उन्हें पूरा करके दिखाएं. आइए देखते हैं कि मोदी के सामने क्या चुनौतियां हैं.

वित्त मंत्रालय
• जीएसटी और डीटीसी अभी भी तैयार नहीं हैं जिससे देश में टैक्सों के सरलीकरण का काम नहीं हो पा रहा है
• इनकम टैक्स ऐक्ट में अतीत से पेनाल्टी लगाने के प्रावधान से निवेशक डरे हुए हैं
• पिछली सरकार के समय के खर्च
• राजस्व में बढ़ोतरी नहीं
• विशालकाय सब्सिडी बिल
• जीएसटी और डीटीसी को 2015-16 से लागू करना
• पिछली तिथि से कानून की व्याख्या को विराम देना
• इससे राजस्व बढ़ेगा
• सब्सिडी में कटौती. फर्टिलाइजर सेक्टर में सब्सिडी को विवेकपूर्ण बनाना

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विदेश नीति
• हमारे पड़ोसियों से अच्छे संबंध नहीं हैं
• अमेरिका, चीन और रूस से हमारे संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं
• विदेश मंत्रालय और कॉमर्स मंत्रालय में रिटेल एफडीआई के मुद्दे पर तालमेल नहीं
• सार्क देशों को आमंत्रण भेजना एक बड़ा कदम
• मोदी के रूस और चीन से अच्छे संबंध हैं और वह अमेरिका से भी सावधानी से संबंध बना रहे हैं. उनकी योजना है कि पश्चिम की बजाय वह एशिया और अफ्रीका के देशों के साथ बेहतर रिश्ते बनाएं
• विदेश व्यापार विभाग को विदेश मंत्रालय का हिस्सा बनाया जाए ताकि तालमेल बेहतर हो

प्राकृतिक संसाधन
• अब तक तेल-गैस, बिजली और सौर ऊर्जा क्षेत्र में कोई बड़ा विदेशी निवेश प्रस्ताव नहीं आया
• कोयला अभी भी एफडीआई में नहीं है
• कोयला और बिजली मंत्रालय में आपसे में ठनी हुई है
• कोयला रेगुलेटर का अभी तक गठन नहीं हुआ है
• बिजली के दरों पर फिर से विचार करने के लिए राज्यों को तैयार नहीं कर सके
• घरेलू गैस की कीमत तय करना होगा
• अमेरिका से न्यूक्लियर सौदा यूपीए शासन काल में हुआ लेकिन न्यूक्लियर लाएबिलिटी ऐक्ट में मामला फंस गया
• कोयला रेगुलेटर बिल पारित करवाना, कोयला खदानों में एफडीआई की अनुमति देना
• कोयला और बिजली मंत्रालय का विलय
• गैस की कीमतों को तय करने वाले फॉर्मूले पर काम करने लिए नई कमिटी बनाना

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इन्फ्रास्ट्रक्चर
• पर्यावरण क्लियरेंस कठिन है
• केन्द्र और राज्यों के संबंध नकरात्मक भूमिका निभाते हैं
• अदालतों के आदेश इस क्षेत्र के खिलाफ रहे हैं
• पर्यावरण क्लियरेंस में फाइलों के मूवमेंट को देखने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
• पीएम-सीएम कमिटी इन पर नज़र रखेगी
• पर्यावरण मंत्रालय से समयबद्ध क्लियरेंस

ग्रामीण विकास
• भूमि अधिग्रहण बिल पारित हो चुका है, इंडस्ट्री का कहना है कि इससे मुद्दे और भी उलझेंगे
• मनरेगा स्कीम में भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें हैं
• मनरेगा का दायरा अभी भी सीमित है
• भूमि अधिग्रहण को बेहतर बनाने के लिए उसमें कुछ बदलाव संभव

कृषि
• उपज की उगाही और स्टोरेज अभी भी एक बड़ा मुद्दा
• भारत अनाजों और अन्य फसलों के उपयुक्त आंकड़े तैयार करने में विफल
• टेक्नोलॉजी को लागू करना अभी भी लाभदेय नहीं है
• एपीएमसी ऐक्ट संशोधित हो तो गया है लेकिन अभी और कुछ करना बाकी है

परिवहन
• रेल किराये अभी भी बाज़ार के अनुरूप नहीं
• कोयला वाले इलाकों में रेल लाइनें बिछाना अभी भी बड़ी समस्या
• विमान परिचालन अभी भी लाभदायक व्यवसाय नहीं
• नियमों के कारण एयरलाइन क्षेत्र में एफडीआई आकर्षक बनाना कठिन
• किरायों में बदलाव और सुविधाओं में बढ़ोतरी

दूरसंचार
•इस क्षेत्र में बहुत घोटाले हुए
•स्पेक्ट्रम से जुड़े मुद्दों को सुलझाया जाना चाहिए
•इस क्षेत्र कं लिए नए कानून बनाना
•4जी नेटवर्क को आसानी से शुरू करवाना
•हर गांव को ब्रॉडबैंड से जोड़ना

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रक्षा
•रक्षा संबंधी विदेशी निवेश की 27 प्रतिशत की सीमा को बढाया नहीं जा सका

पर्यावरण
•तत्काल निर्णय
•फाइलों के निपटारे के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
• मंत्रालय को समयबद्ध जवाब देना होगा

मानव संसाधन
• कौशल विकास अभी भी बड़ा मुद्दा
•आईआईटी और आईआईएम अभी भी दुनिया के शीर्ष 10 इंस्टीट्यूट में नहीं

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