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...और ऐसे बदल गया देश का नक्शा, राज्यों की संख्या घटकर हुई 28

साल की शुरुआत में भारत के नक्शे में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश थे. जब-जब नए राज्य का गठन हुआ, भारत के नक्शे में राज्यों की संख्या जुड़ती चली गई. लेकिन 31 अक्टूबर को पहली बार ऐसा हुआ जब नक्शे से एक राज्य कम हुआ, साथ ही दो केंद्र शासित प्रदेश बढ़ गए.

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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख

  • पूर्ण राज्य जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंटा
  • भारत के नए नक्शे में राज्य 28, केंद्र शासित प्रदेश हुए 9

साल की शुरुआत में भारत के नक्शे में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश थे. जब-जब नए राज्य का गठन हुआ, भारत के नक्शे में राज्यों की संख्या जुड़ती चली गई. लेकिन 31 अक्टूबर को पहली बार ऐसा हुआ जब नक्शे से एक राज्य कम हुआ, साथ ही दो केंद्र शासित प्रदेश बढ़ गए. यह तय 4 अगस्त की रात किया गया, जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने का फैसला किया.

फैसले के बाद 5 अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दो संकल्प पेश किए. पहला जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंडों को हटाने का और दूसरा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का. इन दोनों संकल्पों के साथ गृहमंत्री ने राज्यसभा में राज्य पुनर्गठन बिल और आरक्षण संशोधन बिल पेश किया. इस बिल के पक्ष में ज्यादा वोट मिले और इसे राज्यसभा से मंजूरी मिल गई. उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और यह कानून बन गया.

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नए नक्शे में 28 राज्य, 9 केंद्र शासित प्रदेश

जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन 31 अक्टूबर को आजाद भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर किया गया, जिनकी भूमिका भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय कराने में अहम रही. इस तरह 31 अक्टूबर को भारत के नक्शे में एक राज्य कम होकर 28 हो गया और दो केंद्र शासित प्रदेश बढ़कर 9 हो गए.

यानी अब तक पूर्ण राज्य रहा जम्मू-कश्मीर 31 अक्टबूर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बंट गया. जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन कानून 2019 के तहत दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अस्तित्व में आए और जम्मू-कश्मीर विधानसभा सहित और लद्दाख बिना विधानसभा का केंद्र शासित प्रदेश बना. यह इतिहास में पहली बार हुआ जब कोई राज्य केंद्र शासित प्रदेश बना.

इस बदलाव के बाद 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश के साथ नया मानचित्र जारी हुआ. जारी नए नक्शे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के हिस्से को कश्मीर क्षेत्र में रेखांकित गया. वहीं, नक्शे में जम्मू-कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य के विभाजन को दर्शाया गया. इसमें पीओके के तीन जिले मुजफ्फराबाद, पंच और मीरपुर को शामिल किया गया. नक्शे में लद्दाख में दो जिले करगिल और लेह, जबकि जम्मू-कश्मीर में 20 जिले शामिल किए गए. इसके अलावा भारत सरकार ने कारगिल के अभी के क्षेत्र को छोड़कर लेह जिले के क्षेत्र गिलगित, गिलगित वजारत, चिलास, जनजातीय क्षेत्र व लेह और लद्दाख को भी मिलाया है. इस आदेश को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश, 2019 कहा गया.

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जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के मानचित्र में 20 जिले शामिल हैं, जिसमें मुजफ्फराबाद, मीरपुर और पुंछ के वे क्षेत्र शामिल हैं, जो पीओके के अधीन हैं. 1947 में जम्मू-कश्मीर राज्य में 14 जिले थे. इनमें कठुआ, जम्मू, उधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुंछ, मीरपुर, मुजफ्फराबाद, लेह और लद्दाख, गिलगित, गिलगित वजरात, चिल्हास और जनजातीय क्षेत्र शामिल थे.

यानी भौगोलिक तौर पर भारत के नक्शे में बड़ा बदलाव हो चुका है. 30 अक्टूबर तक 29 राज्य और 7 केंद्र प्रशासित प्रदेशों वाला भारत 31 अक्टूबर को 28 राज्यों वाला भारत बन गया और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर नौ हो गई.

बता दें कि जब अंग्रेजों के चंगुल से भारत आजाद हुआ तब छोटी-बड़ी 562 रियासतें थीं, जो स्वतंत्र राज्य थे. तब हैदराबाद, जूनागढ़, और कश्मीर को छोड़कर सभी रियासतें भारतीय संघ में शामिल हो चुकी थीं. बाद में 1956 तक ये तीनों रियासतें भी भारतीय संघ का हिस्सा बन गईं और तब देश में 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे.

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