दिल्ली नगर निगम ने कहा है कि अगर 15 दिनों के अंदर ‘‘कंवर्जन’’ शुल्क नहीं जमा किया गया तो रिहायशी संपत्ति का दुरुपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई और सीलिंग शुरू करेगा. निगम ने कहा कि बेसमेंट का उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों में करने पर भी शुल्क देना होगा.
दिल्ली मास्टर प्लान 2010 के तहत रिहायशी संपत्ति में कुछ श्रेणियों में खास व्यावसायिक, पेशेवर या अन्य गतिविधियां चलाने की अनुमति दी गयी है. निगम ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि प्लान में ऐसी गतिविधियां चलाने के लिए परिसर का पंजीकरण, मिश्रित उपयोग शुल्क, एकमुश्त वाषिर्क पार्किंग शुल्क आदि का प्रावधान किया गया है.
इसमें आवश्यक शुल्क हर साल 30 जून तक जमा कराने की भी बात की गयी है. निगम ने कहा कि शहरी विकास मंत्रालय ने 2008 की एक अधिसूचना में 2006-07 और 2007-08 के लिए बिना किसी पेनाल्टी के शुल्क जमा कराने की अनुमति दी थी. निगम ने कहा कि प्लान के तहत जिन लोगों ने शुल्कों का भुगतान नहीं किया है वे 15 दिनों के अंदर राशि जमा करा दें.