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आलोक वर्मा पर फैसला: चीफ जस्टिस ने न्यायमूर्ति सीकरी को मनोनीत किया

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसके तहत आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक की जिम्मेदारी से हटाया गया था.

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Alok Verma
Alok Verma

सीबीआई विवाद पर चीफ जस्टिस रंजन गोगाई ने एक उच्च अधिकार प्राप्त चयन समिति के लिए न्यायमूर्ति ए के सीकरी को मनोनीत किया है. जस्टिस सीकरी रंजन गोगोई के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायमूर्ति हैं. यह समिति सीबीआई निदेशक आलोक कमार वर्मा के भविष्य पर फैसला करेगी.

शीर्ष अदालत के सूत्रों ने कहा कि न्यायमूर्ति सीकरी उस चयन समिति का हिस्सा होंगे जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं. चूंकि सीजेआई वर्मा को सीबीआई निदेशक पद पर बहाल करने का मंगलवार को फैसला देने वाली पीठ का हिस्सा थे, उन्होंने समिति की बैठक से खुद को दूर रखा है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति बुधवार रात बैठक करके सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के भविष्य पर फैसला करेगी. वर्मा को सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजा गया था लेकिन उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक आदेश में उन्हें पद पर बहाल कर दिया था.

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अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि यह बैठक लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास पर प्रस्तावित है. अधिकारियों ने कहा कि इस समिति में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को वर्मा को सीबीआई निदेशक के रूप में बहाल किया था.

न्यायालय ने दो महीने पुराने सरकार के 'देर रात के' अभूतपूर्व आदेश को खारिज किया था. सरकार ने इस आदेश में उनकी शक्तियां छीनकर उन्हें छुट्टी पर भेजा था. यह मामला वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच भ्रष्टाचार के आरोप-प्रत्यारोप को लेकर शुरू हुआ था. वर्मा का सीबीआई निदेशक के रूप में दो साल का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा हो रहा है. इस बीच, वर्मा बुधवार को कार्यालय लौटे.

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