केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लेखकों द्वारा पुरस्कार लौटाने की घटनाओं पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर ये लेखक चुनाव हारने वाली पार्टी के समर्थन में खड़े हैं तो इनके विरोध को कांग्रेस प्रायोजित माना जाएगा. उन्होंने कहा, 'हम उनकी विद्वता का सम्मान करते हैं. लेकिन अगर वे चुनाव हार चुकी पार्टी के समर्थन में खड़े हैं, इसके बारे में आनंद शर्मा (कांग्रेस के नेता) बताएंगे, तो इससे यह बात और स्पष्ट हो जाएगी कि यह कांग्रेस प्रायोजित है.
उन्होंने कहा, 'ये सभी लेखक हमारे लिए माननीय हैं, लेकिन ये सभी नरेंद्र मोदी से नफरत करते रहे हैं. इनमें से कुछ को छोड़कर आप इनके 10 साल के इतिहास को उठाकर देख लीजिए. उनके संरक्षक आज हार चुके हैं, इसलिए ये नई राजनीति कर रहे हैं.'
प्रसाद ने सवालिया अंदाज में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा को इस बात का जवाब देना चाहिए कि बंगाल में तसलीमा नसरीन वाली घटना के वक्त ये लेखक कहां थे? उन्होंने कहा कि जब आनंद शर्मा की पार्टी ने देश में आपातकाल लगाया तो कुलदीप नैय्यर और रामनाथ गोयनका के अलावा बाकी के लेखक कहां थे?
कन्नड़ लेखक एम एम कलबुर्गी की हत्या और दादरीकांड के विरोध में अपने अवॉर्ड लौटा रहे लेखकों पर और हमले करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कश्मीरी पंडित महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और सलमान रुश्दी की किताब पर लगे बैन के वक्त इन लेखकों की खामोशी पर भी सवाल उठाए.
इनपुट- PTI