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भारत में रोज 1374 सड़क हादसे, जाती है 400 जानें: रिपोर्ट

केंद्र सरकार के परिवहन विभाग ने गुरुवार को जो रिपोर्ट जारी की है, वो इतनी भयानक तस्वीर पेश करती है कि उसे पढ़कर आपका दिल दहल जाएगा.

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परिवहन विभाग ने जारी की रिपोर्ट
परिवहन विभाग ने जारी की रिपोर्ट

जितनी देर में आप इस रिपोर्ट को पढ़ेंगे, उतनी ही देर के भीतर देश में कोई न कोई सड़क किसी इंसान की जिंदगी निगल चुकी होगी. और कम से कम तीन चार जगहों पर सड़क हादसे में लोगों का खून सड़क पर बह चुका होगा. आए दिन अखबार और टीवी में सड़क हादसे की खबरों के हम शायद इतने आदी हो चुके हैं कि हमें कोई फर्क ही नहीं पड़ता, जब तक कोई अपना ऐसे हादसे का शिकार न हो जाए.

लेकिन केंद्र सरकार के परिवहन विभाग ने गुरुवार को जो रिपोर्ट जारी की है, वो इतनी भयानक तस्वीर पेश करती है कि उसे पढ़कर आपका दिल दहल जाएगा.

Road Accidents in India - 2015 शीर्षक वाली रिपोर्ट की बड़ी बातें:

-भारत में हर दिन 1374 सड़क हादसे होते हैं जिनमें 400 लोगों की जान चली जाती है.

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-सिर्फ पिछले एक साल में करीब डेढ़ लाख लोग सड़क हादसों में जान गंवा बैठे. घायल होने वालों की संख्या तो पांच लाख से भी ज्यादा थी.

-दुनिया में सड़क हादसों के मामले में हमारी हालत कितनी बुरी है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 2015 में भारत में पांच लाख से ज्यादा सड़क हादसे हुए. वहीं स्वीडन में पिछले साल भर में सिर्फ एक सड़क हासदा हुआ.

-खतरनाक बात ये है कि स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ती जा रही है. 2014 के बजाय 2015 में सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या 4.6 फीसदी बढ़ गई. मरने वालों में से 54 फीसदी लोगों की उम्र 34 साल से भी कम थी.

हादसे कम करने में नाकाम रहे हम: गडकरी
इस रिपोर्ट को जारी करते हुए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने खुद ये माना कि उनका मंत्रालय सड़क हादसों को कम करने में नाकाम रहा है और इस दिशा में जो भी कदम उन्होंने उठाए है उसका फिलहाल कोई असर नहीं हुआ है. गडकरी ने कहा कि इस रिपोर्ट को पेश करते हुए उन्हें बहुत अफसोस हो रहा है क्योंकि सड़क हादसे में देश के जितने लोगों की जान जा रही है, उतने लोग किसी युद्ध और आतंकी घटना में भी नहीं मरते.

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ओवर स्पीडिंग से सबसे ज्यादा हादसे!
मंत्रालय के परिवहन अनुसंधान विभाग ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए यह पता लगाया कि इतने अधिक सड़क हादसों की वजह क्या है और कौन सी जगहें सड़क हादसों के हिसाब से सबसे ज्यादा खतरनाक हैं. इसके लिए तमाम राज्य सरकारों, पुलिस और अन्य एजेंसियों से ब्यौरा मंगाकर उसकी समीक्षा की गई.

पता चला कि 100 में से 77 सड़क हादसों में गाड़ी चलाने वाले की ही गलती होती है. और उसमें भी सबसे ज्यादा हादसे ओवर स्पीडिंग से हुई. लेकिन खुद गडकरी ने कहा कि गाड़ी चलाने वालों पर गलती मढ़ देना सबसे आसान है. उनके मुताबिक बहुत सी जगहें ऐसी हैं जहां एक ही जगह पर लगातार हादसे होते रहते हैं और सड़क की डिजाइन में खामी इसकी बड़ी वजह है. परिवहन मंत्रालय ने अब देश भर में फैले 726 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की है जहां बार बार हादसे होते हैं. मंत्रालय अब राज्य सरकारों से बात करके इन जगहों पर रोड का डिजाइन दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है.

पिछले साल सबसे ज्यादा हादसे मुंबई में
2015 में सबसे ज्यादा सड़क हादसे तो मुंबई में हुए लेकिन सबसे ज्यादा लोगों ने दिल्ली की सड़कों पर जान गवाईं. दिल्ली की चौड़ी, चमकदार दिखने वाली सड़कें 1622 लोगों की जिंदगी निगल गई.

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राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश की सड़के सबसे खतरनाक हैं जहां पिछले साल 17,666 लोगों की जानें सड़क हादसों की भेंट चढ़ गई. इन हादसों में मरने वालों में सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन सवार थे. दूसरा नंबर ऑटो रिक्शा सवार लोगों का था.

फर्जी लाइसेंस भी जिम्मेदार
यह भी सामने आया है कि फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस भी सड़क हादसे की एक बड़ी वजह है. एक बड़ा कारण ये भी सामने आया है कि देश की कुछ सड़कों पर ही जरूरत से ज्यादा ट्रैफिक का बोझ है. देश की सिर्फ 2 प्रतिशत सड़कें ऐसी हैं जिन पर 40 फीसदी ट्रैफिक का बोझ है. गडकरी ने दावा किया कि सरकार अब 27 किलोमीटर प्रतिदिन की रफ्तार से सड़क बना रही है जिससे सड़क हादसों में कमी आएगी.

हादसों के लिए बदनाम ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करके उन्हें ठीक करने के लिए सांसदों के साथ लेकर काम करने की योजना भी सरकार ने बनाई है. पहाड़ी इलाकों मे सड़कों पर खास तरह के क्रैश बैरियर भी लगाए जाएंगे जिससे वाहनों के खाई में गिरने जैसी घटनाएं रोकी जा सकेंगी.

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