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रक्षा मामलों की स्थाई समिति ने बजट पर उठाए सवाल, कहा- सेना के आधुनिकीकरण को लगेगा धक्का

बीजेपी सांसद मेजर जनरल बी सी खंडूरी के नेतृत्व वाली रक्षा सम्बन्धी स्थायी समिति के सामने उप सेना प्रमुख गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद ने कहा कि 2018- 19 के लिए सेना को जो पैसा दिया गया है, वह उसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए ही नाकाफी है. ऐसे में सेना का आधुनिकीकरण कैसे होगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

लोकसभा में मंगलवार को पेश संसद की रक्षा मामलों की स्थाई समिति की रिपोर्ट में सेना के आधुनिकीकरण में पैसे की कमी लेकर गम्भीर चिंता जताई गयी है. इससे मौजूदा बजट में सेनाओं के आधुनिकीकरण में पैसे की कमी को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.

बीजेपी सांसद मेजर जनरल बी सी खंडूरी के नेतृत्व वाली रक्षा सम्बन्धी स्थायी समिति के सामने उप सेना प्रमुख गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल शरथ चंद ने कहा कि 2018- 19 के लिए सेना को जो पैसा दिया गया है, वह उसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए ही नाकाफी है. ऐसे में सेना का आधुनिकीकरण कैसे होगा.

उप सेना प्रमुख ने कमेटी के सामने कहा इस साल के बजट में जो बढ़ोतरी की गई है वह बहुत ही नाममात्र है और उससे  सेना को मायूसी हुई है. यह बढ़ोतरी महंगाई और करों की को कमी को भी पूरा नहीं करती है. न सिर्फ सेना बल्कि नौसेना ने भी कैपिटल बजट को लेकर सवाल उठाए हैं. संसदीय समिति के सामने अपने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन में नौसेना ने कहा कि बजट में कमी की वजह से नौसेना की नई योजनाओं और मौजूदा सौदों को पूरा करने में दिक्कत होगी. इससे नौसेना के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के साथ ही आधुनिकीकरण योजना भी धक्का लगेगा.

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ऐसे में रक्षा सम्बंधी स्थायी समिति ने रक्षा मंत्रालय से कहा है कि बजट प्रावधानों में आवश्यक बढ़ोतरी की जाए ताकि तीनों सेनाएं अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करने में सक्षम हों और अपनी ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा कर सकें. कमेटी ने यह भी कहा कि हाल में सेनाओं के स्टेशन और बेसों पर आतंकी हमले को देखते हुए बजट में  मिलिट्री बेसों की सुरक्षा के लिए अलग से बजट प्रावधान किया जाए.

रक्षा मंत्रालय ने कमेटी के सामने अपने जवाब में कहा कि उसने पहले से ही तीनों सेनाओं के उप सेना प्रमुखों की वित्तीय क्षमता को 14,097 करोड़ तक बढ़ा दिया है. इस बजट में इस मद में अलग से कोई प्रावधान न किए जाने की वजह से जरूरी खरीद और सुरक्षा संबंधी इंतजामों के लिए अब खर्च में कटौती करनी पड़ेगी.

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