केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलो की मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति बैंक से एक साल में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालता है तो उसपर 2% का TDS लगाया जाएगा. यानी सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालने पर 2 लाख रुपये टैक्स में ही कट जाएंगे. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि बिजनेस पेमेंट को कैश में करने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही थी.
केंद्र सरकार के इस फैसले से बिजनेस पेमेंट का कैश ट्रांजैक्शन कम होगा. लोग डीडी, चेक या ऑनलाइन पेमेंट्स की तरफ बढ़ेंगे. इससे बिजनेस पेमेंट्स के दौरान होने वाली धांधलियों को रोकने में आसानी होगी. केंद्र सरकार को अपने इस कदम से आर्थिक भ्रष्टाचार में कमी आने की उम्मीद है. वित्तीय लेन देन में आसानी डिजिटल पेमेंट सिस्टम के लिए सबसे अच्छी बात है. आपको कैश ढोने, प्लास्टिक कार्ड, बैंक या एटीएम की लाइन में लगने की जरूरत नहीं है. खासतौर पर जब आप सफर में हों तो खर्च करने का यह सुरक्षित और आसान विकल्प है.
कैशलेस ट्रांजैक्शन के फायदे
सहूलियत - ऑनलाइन लेन देन आपको जगह, समय की सहूलियत देता है. शॉपिंग, इंवेस्टमेंट, बिल्स पेमेंट सभी ऑनलाइन किए जा सकते हैं.
समय की बचत - फोन पर या कंप्यूटर पर ऑनलाइन एनईएफटी या आरटीजीएस की सुविधा होने की वजह से बैंक जाने की जरूरत नहीं होती है.
हर लेन देन का हिसाब - ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए तमाम वित्तिय गतिविधि को ट्रैक किया जाता है. आपने किस तारीख पर किस समय क्या लेन देन किया है, उसका रिकॉर्ड मौजूद होता है.
ऑनलाइन पर विकल्प- ऑनलाइन लेने देन करने पर आपको कई तरह के विकल्प भी दिए जाते हैं, जहां आप प्रोडक्ट या सर्विंस की तुलना करके ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.
शिकायत दर्ज करवा सकते हैं - चाहे आप बैंक का लेन देन करें या शॉपिंग, किसी भी गड़बड़ी के लिए आप शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. क्योंकि आपके पास पेमेंटर रिकॉर्ड रहता है.