मणिपुर के इम्फाल स्थित BSF सेक्टर हेडक्वार्टर्स कोइरेंगी कैंपस के नजदीक बुधवार को हुए IED धमाके में दो बीएसएफ जवानों और एक नागरिक की जान चली गई. इस धमाके में एक जवान और एक नागरिक के गंभीर रूप से घायल होने की भी खबर है, जिनको इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.
इस धमाके से आसपास की दुकानों को भी नुकसान हुआ है. फिलहाल किसी गुट ने आईईडी लगाने की जिम्मेदारी नहीं ली है. हालांकि यह उग्रवाद प्रभावित इलाका है. मणिपुर की सीमाएं म्यांमार से सटी हुई हैं.
#Visuals from Imphal: Two BSF jawans lost their lives in an IED blast near BSF sector headquarters Koirengi campus in Manipur's Imphal this afternoon. pic.twitter.com/ymvnnA3RZy— ANI (@ANI) May 9, 2018
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह विस्फोट दोपहर करीब दो बजे उस समय हुआ, जब यहां के दीमापुर-इम्फाल राजमार्ग पर स्थित कोइरेंगी सेक्टर हेडक्वार्टर्स कैंपस के गेट के ठीक बाहर बीएसएफ कर्मियों को तैनात किया जा रहा था. कांस्टेबल रैंक के दो जवान आईईडी से निकले छर्रे से घायल हो गए और बाद में दम तोड़ दिया.
अधिकारी के मुताबिक इलाके में सक्रिय उग्रवादियों पर आईईडी लगाने का संदेह है. इससे पहले भी मणिपुर में उग्रवादी अर्द्धसैनिक बल के जवानों को निशाना बनाते रहे हैं. कई बार सुरक्षा बलों के हथियारों को लूटने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं.
पिछले साल के आखिरी में मणिपुर में अर्द्धसैनिक बल के जवानों और भारी हथियारों से लैस उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ देखने को मिली थी, इसमें एक उग्रवादी मारा भी गया था. यह मुठभेड़ म्यांमार सीमा से सटी मणिपुर के चंदेल जिले में हुई थी.
इससे पहले चार जून 2015 को पूर्वोत्तर के एनएससीएन-के ने मणिपुर के चंदेल जिले में भारतीय सेना के एक काफिले पर हमलाकर 18 जवानों की जान ले ली थी. इसके बाद आठ जून को भारत ने भारत-म्यांमार की सीमा पर लक्षित हमले कर करीब 70-80 उग्रवादियों को मार गिराया था.
सुरक्षा बलों की इस जवाबी कार्रवाई के बावजूद उग्रवादियों के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. उग्रवादी इलाके में लगातार सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं.