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बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश, दही हांडी नहीं फोड़ पाएंगे नन्हे गोविंदा

मुंबई में दही हांडी के मौके पर इस बार गोविंदाओं की खुशियां कुछ कम हो सकती हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने मटकी फोड़ने वाले मंडलों को सख्त आदेश जारी करते हुए आयोजनों से बच्चों को दूर रखने का आदेश दिया है.

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छोटे बच्चे बड़ी संख्या में होते हैं शामिल
छोटे बच्चे बड़ी संख्या में होते हैं शामिल

मुंबई में दही हांडी के मौके पर इस बार गोविंदाओं की खुशियां कुछ कम हो सकती हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने मटकी फोड़ने वाले मंडलों को सख्त आदेश जारी करते हुए आयोजनों से बच्चों को दूर रखने का आदेश दिया है.

दही हांडी के दौरान बढ़ रहे हादसों को रोकने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह इस बार बच्चों के मटकी फोड़ आयोजनों में शामिल होने पर रोक लगा दी है.

मुंबई पुलिस और बीएमसी को इस बाबत हर हाल में कानून के पालन करने का आदेश जारी किया गया है. हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक, दही हांडी के पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. पक्की सड़क पर दही हांडी नहीं लगाई जा सकेगी. समारोह की जगह दरी और कालीन लगाए जाएं. कोर्ट ने कानून न मानने वाले मंडलों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

कोर्ट ने मटकी फोड़ आयोजनों में सावधानी बरतने के लिए आदेश देते हुए कहा, गोविंदाओं के लिए सेफ्टी किट जैसे हेलमेट, बेल्ट, कुशन और जैकट पहना जरूरी है.

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गौरतलब है कि बीजेपी की सांसद पूनम महाजन ने बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को एक चिट्ठी लिखकर दही हांडी में 12 साल तक के बाल गोपालों के भाग लेने पर पाबंदी लगाने की सिफारिश की थी. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब कई मंडलों ने पूरे कार्यकर्म को रद्द करने का फैसला लिया है. जिससे पिछले कई सालों में हुए हादसों के बाद इस बार दही हांडी कार्यक्रमों में गंभीर दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा.

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