केरल में बीजेपी अभी तक अपना खाता भी नहीं खोल पाई है. उसे उम्मीद है कि बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी के मैजिक के सहारे यह सूखा खत्म होगा. मगर फिलहाल तो मोदी के नाम पर यहां के कुछ बागी बीजेपी नेताओं ने कलई पोत दी है. कन्नूर के इन बागी नेताओं ने कुछ हफ्तों पहले राज्य के नेतृत्व को चुनौती देते हुए नमो मंच बनाया और मंगलवार को वे इस मंच को छोड़कर बीजेपी की धुर विरोधी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(सीपीएम) में शामिल हो गए. ये बात और है कि सीपीएम में उन्हें शामिल किए जाने का लेफ्ट काडर और कुछ नेता कड़ा विरोध कर रहे हैं.
लाला माला पहन ली नमो मंच के नेताओं ने
माकपा के राज्य सचिव पी. विजयन ने पानुर में मंगलवार शाम एक जनसभा में लाल माला पहना कर नमो मंच के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल किया. गौरतलब है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, दिग्गज सीपीएम नेता और विजयन के विरोधी वीएस अच्युतानंदन ने उनकी शिरकत का विरोध किया था. मगर सीपीएम जनरल सेक्रेट्री प्रकाश करात के करीबी विजयन ने विरोध को दरकिनार कर उन्हें पार्टी में ले लिया. इस मौके पर विजयन ने कहा कि यह घटनाक्रम राज्य की राजनीति में बड़ी तब्दीली को दिखाता है और उन्हें उम्मीद है कि ज्यादा लोग हिंदुत्व का त्याग कर वामपंथ की कतारों में शरीक होंगे.
आरएसएस के खिलाफ शहीद हुए काडर का अपमान नहीं ये
सीपीएम के स्टेट सेक्रेट्री पिनराई विजयन ने इन आलोचनाओं को भी खारिज कर दिया कि पूर्व भगवाइयों को पार्टी में शामिल करना उन पार्टी कार्यकर्ताओं की स्मृति का अपमान है जिन्होंने भाजपा और आरएएस के खिलाफ संघर्ष में अपनी जान कुर्बान की है. सीपीएम में शामिल होने वालों में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ओ के वासु शामिल हैं.
इस बीच, भाजपा ने कहा कि सिर्फ कुछ असंतुष्ट लोगों ने पार्टी छोड़ी है और उनके फैसले से क्षेत्र में पार्टी के विकास पर कोई असर नहीं पड़ेगा.