भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संसदीय दल की हुई. इस सत्र की यह आखिरी बैठक थी. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कई मुद्दों पर विपक्ष पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है जैसा पाकिस्तान बोलता है वैसा विपक्ष बोलता है.
प्रधानमंत्री ने सांसदों को कहा कि सरकार की 6 महीने की उपलब्धियों को जनता के बीच में जाना चाहिए. पार्टी के नेता 2 महीने तक जनता के बीच रहें. जनता के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाना चाहिए. पीएम मोदी ने कर्नाटक जीत पर संगठन और कार्यकर्ताओं को बधाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुशासन की बात करते हुए कहा कि मैं अनुशासन का बड़ा ध्यान रखता हूं. संसदीय दल की बैठक में दो बार नहीं आ पाया क्योंकि मेरे को झारखंड जाना था. प्रधानमंत्री ने सांसदों को कहा कि सदन में उपस्थित रहना चाहिए.
Delhi: Bharatiya Janata Party Parliamentary party meeting underway at Parliament library. #WinterSession pic.twitter.com/Xvi5WXsyHr
— ANI (@ANI) December 11, 2019
बीजेपी की रणनीति
बहरहाल, नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के लोकसभा में आसानी से पारित होने के बाद बीजेपी के लिए असली परीक्षा बुधवार को राज्यसभा में होगी. यहां भगवा पार्टी के पास संख्याबल कम है, जिससे उसके सामने इस संवेदनशील नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कराना बड़ी चुनौती होगी.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का हालांकि कहना है कि उच्च सदन में विधेयक के पारित कराने में विभिन्न पार्टियों के बीच संतुलन बैठाने के लिए शीर्ष नेता, गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में अपनी भूमिका निभाएंगे.
बीजेपी के एक महासचिव और एक अन्य राज्यसभा सदस्य का कहना है कि पार्टियों के बीच केमिस्ट्री बनाना ही राज्यसभा में विधेयक को पारित कराने का मार्ग प्रशस्त करेगा.
राज्यसभा का समीकरण
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं, लेकिन अब कुछ खाली सीटों के साथ सदन की ताकत 238 है. बीजेपी को विधेयक को पारित करने के लिए 120 वोटों की आवश्यकता है. उच्च सदन में बीजेपी के 83 सांसद हैं और उसके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास कुल 94 सांसद हैं.
बीजेपी के 83 सांसदों के अलावा, एनडीओ में जनता दल (युनाइटेड) के छह सांसद, शिरोमणि अकाली दल के तीन और लोक जनशक्ति पार्टी व भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के एक-एक सांसद भी हैं.
राज्यसभा में 12 मनोनीत सांसद हैं. बीजेपी को 11 से समर्थन का भरोसा है, जिसमें सुब्रमण्यम स्वामी, स्वपन दासगुप्ता, राकेश सिन्हा भी शामिल हैं.
अगर 11 और राज्यसभा सदस्यों को जोड़ लिया जाए तो एनडीए के सदस्यों की गिनती 105 तक पहुंच जाएगी, जहां उसे अभी भी 15 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होगी. यहीं पर बीजेपी की 'केमिस्ट्री' काम आ सकती है, जो नागरिकता संशोधन विधेयक के लिए एक सुगम मार्ग बना सकती है, ताकि पार्टी 120 के आंकड़े तक पहुंच सके.