संसद परिसर में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संसदीय दल की बैठक हुई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि असंसदीय भाषा का इस्तेमाल न हो और सदन में सांसदों को उपस्थित रहना चाहिए.
संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है जिसे देखते हुए सांसदों की हाजिरी को लेकर राजनाथ सिंह ने अहम निर्देश दिए. सरकार इस सत्र मे कई अहम विधेयक पारित कराना चाहती है जिसके लिए सांसदों की उपस्थिति जरूरी होगी. रक्षा मंत्री ने बैठक में सांसदों को नपे-तुले बयान देने की भी नसीहत दी. उनका यह निर्देश सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और अनंत हेगड़े के हालिया बयान के बाद आया है.
Sources: Rajnath Singh during BJP parliamentary party meeting said that BJP has to be aggressive against opposition but don't need to go to the extent that Congress goes. BJP is a party with a difference. (file pic) pic.twitter.com/fFvgTTj6nk
— ANI (@ANI) December 3, 2019
बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा, बीजेपी को विपक्ष के खिलाफ आक्रामक होना है लेकिन विरोध में इस हद तक नहीं जाना है जैसा कांग्रेस करती है. राजनाथ सिंह ने कहा कि बीजेपी अन्य दलों से कई मायनों में अलग पार्टी का स्थान रखती है.
बीजेपी सांसदों के बीच संसद में अनुपस्थित रहने का मुद्दा मंगलवार को संसदीय दल की बैठक में उठाया गया, जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार सांसदों की पर्याप्त उपस्थिति की कमी पर नाखुशी जाहिर कर चुके हैं. सूत्रों के अनुसार, राजनाथ सिंह ने पार्टी के सांसदों से बड़ी संख्या में उपस्थित रहने को कहा जब गृह मंत्री अमित शाह संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करें, क्योंकि यह मसौदा कानून अनुच्छेद 370 को निरस्त करने जितना ही जितना महत्वपूर्ण है.
नागरिकता विधेयक की विपक्ष की आलोचना को खारिज करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा देश और उसके लोगों को एकजुट करने के लिए काम किया है. नागरिकता संशोधन विधेयक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान करता है.
प्रज्ञा ठाकुर और हेगड़े का बयान
बीजेपी संसदीय दल की बैठक प्रज्ञा सिंह ठाकुर और अनंत हेगड़े के बयान के मद्देनजर महत्वपूर्ण मानी जा रही है. प्रज्ञा ने लोकसभा में नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया था जिस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सफाई देने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
वहीं रविवार को कर्नाटक से पार्टी के सांसद अनंत हेगड़े की ओर से महाराष्ट्र को लेकर किए गए एक दावे का पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को खंडन करना पड़ा. उन्होंने रविवार को दावा किया था कि महाराष्ट्र में 40 हजार करोड़ रुपये के फंड का दुरुपयोग रोकने के लिए देवेंद्र फडणवीस को अचानक तीन दिन के लिए मुख्यमंत्री बनाने का नाटक किया गया. फडणवीस ने केंद्र को पूरा पैसा वापस कर दिया. इस बयान पर बीजेपी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.