महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है वैसे-वैसे सियासी पारा भी चढ़ने लगा है. राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत चुनाव में झोंक दी है. इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने सरकार की नीतियों की खिलाफत करने वालों और विपक्ष पर तंज कसा है. मंगलवार को उन्होंने ट्वीट करके सीधे तौर पर कांग्रेस को भी घेरा.
बीएल संतोष ने ट्वीट करके लिखा, 'हरियाणा और महाराष्ट्र में वोटिंग के दिन करीब आ रहे हैं, उससे सियासी माहौल गरमा गया है. मनमोहन सिंह 19 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने इंटरव्यू देना शुरू कर दिया है. सालों बाद पराकला प्रभाकर अचानक सुर्खियों में आ गए हैं. 5 दिन की प्रसिद्धि के लिए सभी का स्वागत है.'
पूर्व पीएम ने मोदी सरकार क्यों घेरा था ?Eco system on the roll again as polling dates of Haryana & Maharashtra draws nearer .. Manmohan Singh will address press on Oct 19 ..Abhijith Bannerjee starts giving interviews .Mr Parakala Prabhakar of yester years comes out suddenly .Welcome all for a 5 day fame .. @BJP4India
— B L Santhosh (@blsanthosh) October 15, 2019
बीएल संतोष का ये तंज उन लोगों के खिलाफ है, जो मुखर होकर हाल में बीजेपी की नीतियों की आलोचना की है. सितंबर में पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि अर्थव्यवस्था खराब से बेहद खराब होती जा रही है और खतरनाक बात ये है कि सरकार को इस बात का एहसास नहीं है. हम आर्थिक मंदी के दौर में हैं. विकास दर घटकर 5 फीसदी रह गई है.
नोबेल विजेता को क्यों पसंद नहीं सरकार की नीतियां
भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी को 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है. अवॉर्ड जीतने के बाद उन्होंने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति डांवाडोल है. मौजूदा डेटा से यह आश्वासन नहीं मिलता कि अर्थव्यवस्था की सेहत में जल्द सुधार आएगा. हालांकि अब भारत सरकार को भी लगने लगा है कि सचमुच अर्थव्यवस्था की हालत खराब है.
वित्त मंत्री के पति ने भी की थी सरकार पर टिप्पणी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति और आंध्र प्रदेश सरकार के पूर्व संचार सलाहकार पराकला प्रभाकर ने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और इसे सुधारने के लिए सरकार को जरूरी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार इस संकट से निपटने के लिए कोई रोडमैप नहीं पेश कर पाई है.