सरकार द्वारा तीन महीने पहले फिर से पुनर्जीवित किए आकाश 2 टैबलेट प्रोजेक्ट का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है. दिसंबर 2012 तक यूके की कंपनी 'डेटाविंड' को अपग्रेड आकाश के एक लाख यूनिट देने थे लेकिन कंपनी अपनी प्रतिबद्धता नहीं दिखा पाई. लेकिन अब 31 मार्च तक के डेडलाइन को भी शायद कपंनी पूरा ना कर पाए.
आईआईटी बॉम्बे जो कि आकाश 2 के प्रोजेक्ट को देख रहा है के मुताबिक, 'डेटाविंड' ने मुश्किल से आकाश 2 टैबलेट के 20, 000 यूनिट ही दे पाया है. कपिल सिब्बल द्वारा आकाश की घोषणा किए भी डेढ़ साल का समय गुजर चुका है. सिब्बल की घोषणा के बाद आकाश महज 2,750 रुपये प्रति यूनिट में मिलने वाला दुनिया का सबसे सस्ता टैबलेट बन गया था.
इस घोषणा के बाद आकाश को नई विशेषताओं के साथ दोबारा और सस्ती कीमतों (2,263 रुपये) में नवंबर 2012 में रिलॉन्च किया गया. आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर डीबी पाठक के मुताबिक, अब 'डेटाविंड' कंपनी के सामने आकाश को आकाश 2 यानी अपग्रेड करके बनाने में दिक्कत हो रही है. कंपनी को नई विशेषताओं के साथ लाने वाले आकाश 2 के पुर्जे मिलने और उन्हें भारत में तैयार करने में दिक्कत हो रही है. 'जब से हमने आकाश के डिजाइन को बदला है तब से कंपनी इसका निर्माण पूरा नहीं कर पा रही है. लेकिन हम इस तरह उम्मीद नहीं छोड़ सकते, कंपनी के ऊपर 31 मार्च 2013 तक ज्यादा से ज्यादा आकाश की यूनिट सप्लाई करने का दबाव बनाया जा रहा है.'
आकाश के पहले संस्करण को आने में देरी 'डेटाविंड' और आईआईटी राजस्थान के बीच हुए झगड़े के कारण हुई थी जिसमें इसके टेस्टिंग के मापदंड को बदलने की बात की जा रही थी.