लगता है कि बिहार में मिड-डे मील जहर बन गया है. अभी छपरा के स्कूल में मिड-डे मील खाने से 21 बच्चों की मौत का मामला शांत भी नहीं हुआ है कि बुधवार को राज्य के ही एक और जिले मधुबनी में भी विषाक्त भोजन खाने से 50 बच्चे बीमार हो गए. बताया जा रहा है कि खाने में छिपकली गिर गई थी.
उधर, छपरा में जहरीले मिड-डे मील खाने से अब तक 22 मौतें हो चुकी हैं. मरने वालों में 21 बच्चों के अलावा वह महिला भी शामिल है, जिसने भोजन तैयार किया था. खाना बनाने वाली महिला का नाम पन्नो देवी है. इस घटना में उसके भी दो बच्चे मारे गए हैं. पटना के अस्पताल में अब भी 24 बच्चों का इलाज चल रहा है, जिनमें 4 बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है.
इस दुखद घटना के बाद छपरा में बवाल मचा हुआ है. लोग प्रशासन के खिलाफ गुस्से का इजहार कर रहे हैं. पूर्व सीएम लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी ने सारण बंद का आह्वान किया है.
24 बच्चों का इलाज पीएमसीएच में
बीमार बच्चों में से 24 का इलाज पटना के पीएमसीएच में चल रहा है. इनमें से 4 बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है. डॉक्टरों की टीम बीमार बच्चों की लगातार निगरानी कर रही है.
घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस घटना पर अफ़सोस जताते हुए हुए कमिश्नर और पुलिस के IG से जांच के आदेश दिए हैं. मृतक बच्चों के परिवार के लिए 2-2 लाख रुपये मुआवजे का एलान किया गया है. गुस्साए लोगों ने छपरा में एक पुलिस वैन को आग के हवाले कर दिया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहरीले भोजन की पुष्टि
जहरीले भोजन का शिकार हुए बच्चे पहली से लेकर पांचवी क्लास के हैं. इनमें से सभी बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि भोजन जहरीला था. भोजन में पेस्टिसाइड मिले होने का शक जताया गया है.
नीतीश पर विपक्षी पार्टियों का निशाना
छपरा की घटना पर विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. दर्दनाक घटना के खिलाफ आरजेडी ने सारण बंद बुलाया है. छपरा से लोकसभा सांसद लालू प्रसाद ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. लालू ने कहा कि बिहार में सरकार नाम की चीज़ नहीं है. लालू ने इस मामले में नीतीश सरकार के एक मंत्री के खिलाफ जांच की भी मांग की है.
राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह बच्चों की मौत नहीं, बल्कि हत्या है. एलजेपी मुखिया ने घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की है.
क्या है मामला...
गौरतलब है कि छपरा में गंदामान गांव के प्राइमरी स्कूल के बच्चों को मिड-डे मील के तहत दाल, चावल और सब्ज़ी खाने को मिली थी. भोजन करते ही बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी. जहरीले भोजन ने कई बच्चों ने दम तोड़ दिया. कुछ परिजनों के मुताबिक, जिन बच्चों ने सब्जी नहीं खाई, वे ठीक हैं. इस दर्दनाक घटना के बाद बच्चों के घरों में मातम छाया है.