बिहार और असम में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है. बिहार के 12 जिलों की आबादी भीषण बाढ़ का सामना कर रही है. राज्य में गांव बाढ़ में डूबे हैं. गोपालगंज में डुमरिया पुल के पास तटबंध टूटने से बड़े इलाके में बाढ़ का पानी भर गया है. जिससे दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 28 को भी खतरा पैदा हो गया है. पूर्वी चंपारण को गोपालगंज से जोड़ने वाले डुमरिया पुल को प्रशासन ने बंद कर दिया है.
NDRF और SDRF की टीमें लोगों के बचाव अभियान में जुटी हुई हैं. बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों में पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और खगड़िया शामिल हैं. बागमती, बूढ़ी गंडक, कमलाबलान, लालबकैया, अधवारा, खिरोई, महानंदा और घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
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बिहार के पूर्वी चंपारण में एनडीआरएफ के जवान लोगों के लिए देवदूत बनकर सामने आए. पूर्वी चंपारण जिले में पानी की लहरों में फंसे लोग एक नाव से नदी पार कर रहे थे. लेकिन इनकी नाव जब नदी में फंस गई तो एनडीआरएफ की टीम ने नाव को खींच कर किनारे लगाया.
Bihar: National Disaster Response Force (NDRF) personnel rescued around 37 people in flood-hit Bhawanipur, Motihari after the engine of the boat they were travelling in failed. (25.07.20) pic.twitter.com/TaRnDz5Yuy
— ANI (@ANI) July 26, 2020
बिहार में समस्तीपुर जिले के कई गांव उफनती बागमती नदी की चपेट में हैं. समस्तीपुर के डीएम शशांक शुभंकर ने कल्याणपुर प्रखंड के नामापुर पंचायत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शनिवार को प्रशासनिक व्यवस्थाओं का जायजा लिया. डीएम ने 50 लोगों पर एक कम्युनिटी किचन जल्द शुरू करने का निर्देश दिया. लोगों की दिक्कतों को देखते हुए इलाके में ज्यादा से ज्यादा निःशुल्क नाव चलवाने के निर्देश दिए गए हैं.
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गंडक नदी पर बने पुल के नीचे पानी के दबाव की वजह से काफी तेजी से कटाव हो रहा है, जिसके बाद प्रशासन ने एहतियातन इस पुल को परिचालन के लिए बंद कर दिया है. पूर्वी चंपारण जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर इस कटाव को रोकने के लिए मरम्मत का काम कर रहा है. बता दें, 2 दिन पहले जिस तरीके से गंडक नदी पर कई तटबंध टूट गए उसकी वजह से डुमरिया पुल पर भी कटाव होने लगा. डुमरिया पुल के नीचे बना गाइड बांध भी शुक्रवार को ध्वस्त हो गया जिसके बाद से स्थिति और ज्यादा गंभीर हो गई है.
नेशनल हाईवे 57 के पेट्रोलिंग इंचार्ज संजय मिश्रा ने बताया कि डुमरिया पुल के नीचे तकरीबन 50 फीट तक कटाव हुआ है, जिसके बाद जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर मरम्मत का काम कर रहा है. वहीं, बिहार के मुजफ्फरपुर में गायघाट प्रखंड में बाढ़ के पानी का फैलाव तेजी से नए इलाके में फैल रहा है.
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वहीं, कटरा प्रखंड में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव से बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. इसके अलावा बूढ़ी गंडक में अचानक जलस्तर बढ़ने से तटीय मोहल्लों में रहने वाले हजारों परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. तेजी से पानी बढ़ने से बड़ी संख्या में लोगों ने अपने-अपने घरों से सुरक्षित ठिकानों की ओर रूख किया.
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ब्रह्मपुत्र नदी का क्रोध पूरा असम झेल रहा है. अबतक 95 लोग बाढ़ की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. असम के नगांव में सैलाब ने भारी तबाही मचाई है. असम के 26 जिलों में बाढ़ के हालत हैं. ढाई हजार गांवों के करीब 28 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं. राज्य में अब तक 95 लोगों की बाढ़ के चलते मौत हो चुकी है. जबकि करीब 50 हजार लोग राहत कैंपों में सिर छिपाने को मजबूर हैं. भारी बारिश के बाद कबरी जल विद्युत परियोजना बांध के गेट खोलने के बाद नगांव जिले से कई गांव डूब चुके हैं.