बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी शुक्रवार को महागठबंधन और एनडीए के नेताओं पर जमकर बरसे. उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों गठबंधनों ने उन्हें हमेशा ठगा है. इस दौरान मांझी ने यह भी ऐलान किया कि अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी अकेले अपने दम पर मैदान में उतरेगी.
दरअसल, बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जीतन राम मांझी अपनी पार्टी का विस्तार करने में लगे हुए हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को उन्होंने पटना में पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने महागठबंधन के साथ मिलकर 3 सीट पर चुनाव लड़ा था. हालांकि उन्हें एक भी सीट पर जीत नहीं मिली.
महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस से जीतन राम मांझी की नाराजगी सीट बंटवारे के समय ही जगजाहिर हो गई थी. उन्होंने 5 सीट पर चुनाव लड़ने का दावा ठोका था, मगर उनकी पार्टी को सिर्फ 3 सीटें ही दी गईं. मांझी के साल 2020 के विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने के ऐलान के बाद यह बात स्पष्ट हो गई है कि बिहार में महागठबंधन के ऊपर एक बार फिर से संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन ने बिहार की 40 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. इनमें उसे सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई थी. ऐसे में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जीतन राम मांझी का अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान महागठबंधन के लिए एक बड़ा झटका है. महागठबंधन लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के सदमे से अभी उबर भी नहीं पाया था और मांझी ने उसे दूसरा झटका दे दिया.
मांझी ने आरोप लगाया कि उन्हें महागठबंधन के साथ ही एनडीए ने भी ठगा है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मांझी एनडीए में शामिल हुए थे, मगर कुछ ही समय के बाद उन्होंने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन का दामन थाम लिया था.