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आधार कार्ड से बड़ा खुलासा, 2.98 करोड़ फर्जी कार्डों के जरिए उठाया राशन

ये राशन कार्ड 2013 से 2018 के बीच बने थे. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अनाज माफिया ने इन राशन कार्डों पर पिछले पांच वर्षों के बीच कितने बड़े पैमाने पर राशन उठाया है.

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आधार कार्ड से लिंक करने पर हुआ खुलासा
आधार कार्ड से लिंक करने पर हुआ खुलासा

सरकारी सिस्टम में सुराख से हो रहे करोड़ों के वारे-न्यारे की पोल आधार कार्ड से खुल रही है. पारदर्शिता के लिए इस्तेमाल में लाए जा रहे आधार कार्ड से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बड़े गड़बड़झाले का खुलासा हुआ है. आधार कार्ड से जब देश भर के राशन कार्डों को जोड़ा गया तो 2.98 करोड़ जाली राशन कार्ड मिले. जिन्हें सरकार ने रद्द कर दिया.

यह जानकारी केंद्र सरकार ने 16 जुलाई को लोकसभा में उठे एक सवाल के जवाब में दी है. ये राशन कार्ड 2013 से 2018 के बीच बने थे. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अनाज माफिया ने इन राशन कार्डों पर पिछले पांच वर्षों के बीच कितने बड़े पैमाने पर राशन उठाया है.

दरअसल, शिवेसना सांसद राजन बाबूराव विचारे ने लोकसभा में सरकार से पूछा था- क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत ई-राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया से फर्जी राशन कार्डों का खुलासा हुआ है. अगर हां तो इसका ब्यौरा क्या है. उन्होंने महाराष्ट्र में फर्जी मिले राशन कार्डों का भी ब्यौरा मांगा था.

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जवाब देते हुए उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं वितरण विभाग राज्य मंत्री दानवे राव साहेब दादाराव ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली केंद्र और राज्य सरकारों के साझा प्रयास से आयोजित होती है. केंद्र सरकार का काम अन्न की खरीद, आवंटन करने के साथ भारतीय खाद्य निगम तक ढुलाई की व्यवस्था करना है.

राज्यों के भीतर खाद्यान्नों का आवंटन और वितरण के साथ राशन कार्ड जारी करने, दुकानों की निगरानी का काम राज्य सरकार का है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ीं शिकायतों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि 2006 में 1106, 2017 में 1213 और 2018 में 941 गड़बड़ियां सामने आईं.

उन्होंने बताया कि सभी 36 राज्यों में लाभार्थियों के आंकड़ों का डिजिटाइजेशन पूरा कर लिया गया है. खाद्य सब्सिडी का दुरुपयोग रोकने के लिए राशन कार्डो के डेटाबेस में आधार नंबर जोड़ने की व्यवस्था की गई. फिलहाल, 85.5 प्रतिशत राशन कार्डों को परिवार के कम से कम एक सदस्य के आधार नंबर से जोड़ा गया है. जिससे नकली राशन कार्डों का पता चला है.

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2013-2018 के बीच फर्जी मिले 2.98 करोड़ राशन कार्डों को रद्द कर दिया गया है. वहीं महाराष्ट्र में कुल 1.46 करोड़ राशन कार्डों में से 1.42 करोड़ राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया. जिसमें से 21 लाख 62 हजार 391 राशन कार्डों को फर्जी मिलने पर हटा दिया गया.

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