शादी में दुल्हा-दुल्हन को देखने पहुंचने से ज्यादा ऐसे लोग होते हैं जिनका मकसद पार्टी में खाने का लुत्फ उठाना होता है. लेकिन हरियाणा के भिवानी जिले में 12 गांवों की खाप पंचायत ने शादी के बाद के भोज पर रोक लगा दी है.
इस रोक के पीछे मकसद है कि शादी के खर्चे को कुछ कम किया जा सके. भिवानी जिले में झोजू-दादरी सड़क पर स्थित कदमा गांव में बुधवार को हुई एक बैठक में खाप पंचायत ने यह फैसला किया. पंचायत की अध्यक्षता कर रहे गांव के पूर्व प्रमुख रणधीर सिंह ने वृद्धजनों की मौत के बाद गांव में मिठाइयां और खाने की और चीजें बांटने के समारोह ‘काज’ को भी अनुचित करार देते हुए इसके आयोजन पर भी रोक लगा दी है.
हरियाणा में ज्यादातर लोग अपने वृद्ध रिश्तेदारों की स्वाभाविक मौत होने पर ‘काज’ नाम का अनुष्ठान करते हैं. पंचायत ने कहा, ‘शादियों में अगर लड़की के रिश्तेदारों के अलावा दूसरे ग्रामीण भोजन नहीं करें, तो इससे लड़की के परिवार की काफी मदद हो जाएगी.’ रणधीर ने इस फरमान का समर्थन करते हुए कहा, 'यह प्रतिबंध न सिर्फ शादी के खर्चे में कमी लाएगा, बल्कि इससे शादियों में लोगों के हुजूम पर भी अंकुश लगेगा.'
पंचायत ने कहा कि गांव के लोग शादियों में शामिल होंगे और लड़की के परिवार की मदद भी करेंगे, लेकिन खाना नहीं खाएंगे. कदमा गांव के सरपंच बलवान सिंह ने कहा, ‘शादियों में खाना खाने पर रोक लगने से लड़की के परिवार को अब खाने की चिंता नहीं करनी होगी और वह शादी के दूसरे कामों पर ध्यान दे सकेंगे.’