कर्नाटक की राजधानी में प्रस्तावित 1800 करोड़ के फ्लाई ओवर प्रोजेक्ट को कैंसल कर दिया गया. गुरुवार को यह फैसला कर्नाटक सरकार में बंगलुरु विकास मंत्री के जॉर्ज ने लिया. उन्होंने कहा- इस प्रोजेक्ट को लेकर दबाव था, इसलिए इसे रद्द किया जा रहा है. बता दें कि इस प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस के कई बड़े नेताओं पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए गए थे.
क्यों विवादों में था यह फ्लाई ओवर प्रोजेक्ट?
कर्नाटक सरकार ने बंगलुरु में ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 1800 करोड़ रुपये के इस फ्लाई ओवर की प्लानिंग की थी. एक स्टील ब्रिज बनाने की बात हुई थी. हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के संसदीय सचिव के गोविंदराजू के घर पिछले साल छापेमारी के बाद यह प्रोजेक्ट विवादों में आ गया था. इसका कारण यह था कि गोविंदराजू के घर जो डायरी मिली थी उसमें इस प्रोजेक्ट को लेकर कई नेताओं को रिश्वत देने की बात लिखे होने की बात सामने आई थी. आरोप है कि डायरी में इस बात का जिक्र था कि स्टील ब्रिज के लिए 65 करोड़ देने की बात कही गई थी. विपक्ष ने कहा था कि ये पैसे बतौर रिश्वत दिए गए थे.
आम लोगों ने भी किया था विरोध
इस ब्रिज के लिए 1800 करोड़ रुपए रकम तय की गई थी. इसकी लंबाई 6.7 किमी थी. यह फ्लाई ओवर बसावेश्वरा सर्कल को हेब्बल से जोड़ता हुआ सांकी रोड और LRDE कॉमप्लैक्स तक जाता. हालांकि, इस प्रोजेक्ट के शुरू होते ही इसका आम लोगों ने भी विरोध किया था. इसका कारण था कि इस प्रोजेक्ट के चलते 812 पेड़ों को काटने की जरूरत पड़ती. बेंगलुरु के लोगों ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के पास इसको लेकर शिकायत की थी. उनका कहना था कि इसके निर्माण को रोका जाए.
मंत्री ने कहा- मैंने नहीं ली रिश्वत, दबाव के चलते कैंसल हो रहा है प्रोजेक्ट
के.जे. जॉर्ज ने कहा- "मैंने यह प्रोजेक्ट इसलिए रद्द कर दिया क्योंकि मुझ पर काफ़ी दबाव डाला जा रहा था. मैने कभी एक पैसा तक रिश्वत में नहीं लिया, फिर भी मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं. ऐसा कुछ जो हमने किया ही नहीं उसका आरोप हम अपने ऊपर नही ले सकते, इसलिए हम यह प्रोजेक्ट छोड़ रहे हैं. मीडिया हम से लगातार स्टील फ़्लाईओवर प्रोजेक्ट में हुए भ्रष्टाचार के बारे में पूछ रही है, जिसके कारण यह प्रोजेक्ट एक सर दर्द बन गया है."
कांग्रेस नेता आए थे बैकफुट पर
डायरी में करप्शन के आरोप सामने आने के बाद राज्य के कई कांग्रेस नेताओं ने भी इस प्रोजेक्ट को बंद करने की सलाह दी थी. उनका मानना था कि यह ब्रिज बना तो लोग उसे आने वाले वक्त में कांग्रेस करप्शन के स्मारक के तौर पर देखेंगे. बताया जाता है कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव के साथ-साथ कांग्रेस के कई विधायकों इस प्रोजेक्ट को बंद करने का दबाव डाला था. राव ने कहा- विपक्ष इस स्टील प्रोजेक्ट को कांग्रेस द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के स्मारक के रूप में पेश कर रही है. इसलिए इसे कैंसल करना ही ठीक है.