कर्नाटक में टीपू सुल्तान की जयंती मनाने को लेकर जंग शुरू हो गई है. राज्य सरकार की ओर से 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती मनाने की घोषणा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सड़क पर उतर गई है और कांग्रेस-जेडीएस सरकार के फैसले का विरोध किया. बेंगलुरु में भगवा पार्टी के कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
कर्नाटक की सरकार 2016 से ही टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है. हर साल यह जयंती 10 नवंबर को मनाई जाती है. इस बार जयंती पर कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है. हर साल की तरह इस साल भी टीपू जयंती पर राजनीति गरमा गई है. बीजेपी टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ है, और विरोध प्रदर्शन कर रही है.
Karnataka: BJP workers and members stage protest in Bengaluru, opposing #TipuJayanti celebrations which will be observed in the state tomorrow. pic.twitter.com/tUK4NADGMP
— ANI (@ANI) November 9, 2018
मुख्यमंत्री एच डी कुमारास्वामी ने गुरुवार को कहा, 'टीपू सुल्तान की जयंती शांतिपूर्वक मनाई जाएगी. मैंने सभी पुलिस अफसरों को आम आदमी के हितों में कदम उठाने के लिए निर्देश दिए हैं. यदि कोई सरकारी कार्यक्रम में बाधा पैदा करता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'
इस बीच, कर्नाटक में बीजेपी नेता आर अशोक ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी टीपू सुल्तान की जयंती पर मनाएं जाने वाले कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे और वह इसमें शामिल भी नहीं होना चाहते हैं. हमें पता है कि टीपू सुल्तान से जुड़ने वाले लोगों का हश्र क्या रहा है. विजय माल्या देश छोड़कर भाग गए. संजय खान का चेहरा झुलस गया. सिद्धारमैया मैसूर से अपना चुनाव हार गए.
गौरतलब है कि जयंती मनाने के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी डाली गई है जिस पर कोर्ट ने याची को 9 नवंबर तक अपनी शिकायतें दर्ज करने का निर्देश दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने टीपू सुल्तान की जयंती मनाने को लेकर मीडिया से कहा कि पिछले 3 साल से यह आयोजन होता रहा है और इस साल भी होगा. सिद्धारमैया के मुताबिक मौजूदा मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इसकी इजाजत भी दे दी है.
दूसरी ओर, केंद्रीय राज्यमंत्री अनंत हेगड़े के ओएसडी ने कर्नाटक के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि टीपू सुल्तान के जयंती कार्यक्रम में मंत्रियों को शामिल न किया जाए. केंद्रीय मंत्री हेगड़े ने पिछले साल भी यह जयंती मनाने पर नाराजगी जाहिर की थी.
ओएसडी की ओर से मुख्य सचिव को भेजे पत्र में हेगड़े ने लिखा, 'प्रदेश सरकार की ओर से टीपू जयंती मनाने के फैसले की मैं निंदा करता हूं. वह (टीपू सुल्तान) हिंदू और कन्नड़ विरोधी था, इसलिए किसी आतातायी की जयंती मनाने की जरूरत नहीं. पिछले साल इसे लेकर हिंसा भी हुई थी. प्रदेश सरकार को आधिकारिक निमंत्रण में मेरा नाम शामिल नहीं करना चाहिए.'
टीपू सुल्तान का जन्म 10 नवंबर 1750 को कर्नाटक के देवनाहल्ली (यूसुफ़ाबाद) में हुआ था. उनका पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था. उनके पिता हैदर अली मैसूर साम्राज्य के सेनापति थे जो कि 1761 में मैसूर साम्राज्य के शासक बने. अपने पिता के बाद टीपू सुल्तान 1782 में मैसूर की गद्दी पर बैठे. 4 मई 1799 को 48 साल की आयु में कर्नाटक के श्रीरंगपट्टन्नम में अंग्रेजों का सामना करते हुए टीपू की मौत हो गई.