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BCCI अध्यक्ष टेरिटोरियल आर्मी में बनेंगे लेफ्टिनेंट

बीजेपी सांसद और बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर 29 जुलाई को टेरिटोयिल आर्मी (प्रादेशिक सेना) में कमीशन लेंगे. सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह साउथ ब्लॉक में आयोजित एक समारोह में ठाकुर को बतौर लेफ्टिनेंट टेरिटोयिल आर्मी में शामिल करेंगे.

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बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर
बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर

बीजेपी सांसद और बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर 29 जुलाई को टेरिटोयिल आर्मी (प्रादेशिक सेना) में कमीशन लेंगे. सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह साउथ ब्लॉक में आयोजित एक समारोह में ठाकुर को बतौर लेफ्टिनेंट टेरिटोयिल आर्मी में शामिल करेंगे.

सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी की तरह ठाकुर की रैंक मानद नही है और उन्होंने प्रादेशिक सेना में शामिल होने के लिये सभी जरूरी टेस्ट पास कर लिए है. अनुराग प्रदेशिक सेना में शामिल होने वाले बीजेपी के पहले सांसद हैं. ठाकुर ने चंडीगढ़ में प्रादेशिक सेना में शामिल होने के लिए परीक्षा दी थी और उनका प्रशिक्षण भोपाल में हुआ था.

41 साल के ठाकुर ने कहा कि यह उनके लिए एक सपने का सच होना है. उन्होंने कहा कि वो हमेशा सेना की वर्दी पहनकर देश की सेवा करना चाहते थे और अब उन्हें इस मौके का इंतजार है.

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भारतीय सेना के तहत टेरिटोरियल आर्मी ज्वॉइन करने वालों को हर साल कुछ समय के लिए मिलिट्री ट्रेनिंग करनी पड़ती है. इसे ज्वॉइन करने वाले साथ-साथ दूसरे पेशे में भी सेवाएं दे सकते हैं. प्रादेशिक सेना का उद्देश्य मिलिट्री इमरजेंसी के दौरान रेलवे, ऑयल एंड नेचुरल गैस, अस्पताल और टेलिकॉम जैसे बुनियादी चीजों का ख्याल रखना है.

ये दिग्गज भी प्रादेशिक सेना में हो चुके हैं शामिल
प्रादेशिक सेना में करीब 40 हजार लोग तैनात हैं. इससे पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट सितंबर 2012 में प्रादेशिक सेना में शामिल किया गया. 24 सितंबर 2008 को क्रिकेटर कपिल देव मानद लेफ्टिनेंट कर्नल बनाए गए थे. 9 जुलाई 2009 को एक्टर मोहन लाल भी मानद लेफ्टिनेंट कर्नल बनाए गए. 1 नवंबर 2011 को क्रिकेट कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी, शूटर अभिनव बिंद्रा को मानद लेफ्टिनेंट कर्नल बनाया गया था.

क्या है टेरिटोरियल आर्मी?
टेरिटोरियल आर्मी नियमित सेना के बाद दूसरी रक्षा पंक्ति है. इसमें वे स्वयंसेवी शामिल होते हैं, जो एक साल में लगभग एक महीने का सैन्य प्रशिक्षण लेते हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में उन्हें देश की रक्षा के लिए तैनात किया जा सके. अब देखना होगा कि बीजेपी सांसद और बीसीसीआई के अध्यक्ष के नाते सेना को कितना समय दे पाते हैं. अभी तक जिन बड़े नामचीन लोगों को टेरिटोरियल आर्मी में अधिकारी बनाया गया, उन्होंने कमीशन पाने के बाद सेना के लिए कोई बड़ा काम तो किया नहीं है.

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