बांदा बलात्कार कांड में आरोपी विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी की हिरासत अवधी बढ़ा दी गई है. दलित लड़की से कथित रूप से बलात्कार के मामले में सीबीसीआईडी ने पहले ही बांदा की अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश कर दी है.
दूसरी ओर मुख्यमंत्री मायावती ने लापरवाही के आरोप में चार पुलिसकर्मियों तथा बांदा के जेलर को निलम्बित कर दिया. पुलिस अधिकारी राधेश्याम शुक्ला के अलावा सम्बन्धित थाने के कार्यवाहक प्रभारी अब्दुल जब्बार, अतर्रा के क्षेत्राधिकारी राजेन्द्र यादव तथा अपर पुलिस अधीक्षक लालाराम को सीबीसीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया है.
पीड़ित लड़की ने गत 20 दिसम्बर को जेल चिकित्सक को आप बीती सुनाई थी, लेकिन जेलर ज्ञान प्रकाश ने अपने अधीनस्थ कर्मचारी की बात को गम्भीरता से नहीं लिया. लिहाजा, जेलर को भी शिथिलता बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री मायावती ने बताया कि राज्य सरकार ने अदालत से इस प्रकरण की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत से कराने का आग्रह किया है.
गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में 17 साल की एक दलित लड़की से कथित तौर पर बसपा के विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी ने गत 10 और 11 दिसंबर को अपने आवास पर बलात्कार किया. जब 12 दिसंबर को विधायक ने उसके साथ कथित तौर पर फिर से बलात्कार करने का प्रयास किया तो वह किसी तरह वहां से भाग निकली.
लड़की को हालांकि, विधायक के भाई द्वारा उसके खिलाफ दर्ज कराए गए चोरी के झूठे मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.
48 वर्षीय द्विवेदी को बाद में बांदा से गिरफ्तार कर लिया गया.