अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब निर्मोही अखाड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने का फैसला लिया है. यह फैसला रविवार को अयोध्या में हुई निर्मोही अखाड़ा की बैठक में लिया गया.
राम जन्मभूमि मामले में निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा कि अखाड़े का प्रतिनिधिमंडल राम मंदिर निर्माण और इसकी देखरेख के लिए बनने वाले ट्रस्ट में अपनी भूमिका को लेकर पीएम मोदी से मिलना चाहता है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से मुलाकात के बाद निर्मोही अखाड़ा अपनी आगे की रणनीति तय करेगा.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया था और निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण और उसकी देखरेख के लिए ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया था.
क्या थी निर्मोही अखाड़े की मांग?
सुप्रीम कोर्ट में निर्मोही अखाड़े की लिखित दलील में कहा गया था कि विवादित भूमि का आंतरिक और बाहरी अहाता भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में मान्य है. हम रामलला के सेवायत हैं. ये हमारे अधिकार में सदियों से रहा है . निर्मोही अखाड़े ने अपनी दलील में कहा था कि हमें ही रामलला के मंदिर के पुनर्निर्माण, रखरखाव और सेवा का अधिकार मिलना चाहिए.
क्या है निर्मोही अखड़ा?
निर्मोही अखाड़ा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त 14 अखाड़ों में से एक है. इसका संबंध वैष्णव संप्रदाय से है. इस अखाड़े ने 1959 में बाबरी मस्जिद की विवादित भूमि पर अपना मालिकाना हक जताते हुए एक मुकदमा दायर किया किया था, तभी से यह चर्चा में आया.