भाजपा के पूर्व नेता और राजनैतिक विचारक गोविंदाचार्य ने कहा है कि अयोध्या विवादित स्थल का मामला किसी व्यक्ति या पार्टी का नहीं, बल्कि भारतवासियों की आस्था तथा आकांक्षा का मुद्दा है और किसी अदालत के फैसले से इस मामले का समाधान नहीं होगा.
गोविंदाचार्य ने संवाददाताओं से बातचीत में अयोध्या में विवादित जमीन के मालिकाना हक के मुकदमे के फैसले पर उच्चतम न्यायालय द्वारा गत 23 सितम्बर को रोक लगाए जाने सम्बन्धी प्रश्न पर कहा, ‘‘यह किसी व्यक्ति, संगठन या पार्टी का मुद्दा नहीं, बल्कि भारत की जनाकांक्षा और आस्था का मामला है.’’ उन्होंने कहा कि इस मामले का हल बातचीत से भी सम्भव नहीं लगता. ऐसे में एकमात्र रास्ता रह जाता है कि सरकार इसके लिये कानून बनाये.
गोविंदाचार्य ने दावा किया कि मुकदमे में अदालत का फैसला अर्थहीन होगा. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक विवाद को सुलझाने का सवाल है तो न्यायालय ज्यादा से ज्यादा उस विवादित जमीन के मालिकाना हक का फैसला कर सकती है. यह सभ्यतामूलक मुद्दा है और यह मुकदमे से नहीं सुलझ सकता.’’{mospagebreak}
गोविंदाचार्य ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर मुद्दे का बातचीत के जरिये हल निकालने की हर मुमकिन कोशिश की थी, लेकिन सफलता नहीं मिली. उन्होंने किसी पक्ष की तरफ इशारा किये बगैर कहा, ‘‘कोई बातचीत तभी सफल होती है, जब मन साफ हो.’’ पूर्व भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मंदिर बनाने को लेकर देश के हिन्दू और मुसलमान एकमत हैं. उन्हें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन देश के सियासतबाज इस मुद्दे को लेकर गड़बड़ी कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि सरकार किसी अन्य संगठन को मंदिर बनाने की जिम्मेदारी सौंप दे. भले ही वह अयोध्या विवाद के पक्षकारों को यह दायित्व न दे.
अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने पर गोविंदाचार्य ने कहा, ‘‘मैं किसी भी पार्टी का प्राथमिक सदस्य नहीं हूं. मैं किसी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का हिस्सा नहीं बनूंगा. हालांकि मैं राजनीति को मूल्यों की राह पर वापस लाने का प्रयास करता रहूंगा.’’ उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं और वे उसके संस्कारों के मुताबिक ही कार्य कर रहे हैं.{mospagebreak}गोविंदाचार्य ने वर्ष 1990 की रथयात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मुझे लगा था कि जनजागरण के लिये रथयात्रा निकालना बेहतर होगा. देश में वैमनस्य पैदा करना हमारा लक्ष्य नहीं था. मुस्लिम वोट हासिल करने की ख्वाहिश रखने वालों ने ही कड़वाहट पैदा की थी.’’