केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए हमले की घटना को पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करार दिया है. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध करने वालों को अपने रुख पर विचार करना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि ये घटना सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल पर हुई बर्बर और अभद्र घटना है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को सताया जा रहा है.
पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर भीड़ द्वारा हुई हिंसा की घटना के एक दिन बाद शनिवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट किया कि यह घटना नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे लोगों के लिए आंख खोलने वाली है.
पुरी ने कहा, 'जो लोग पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक उत्पीड़न से मुंह मोड़कर सीएए का विरोध कर रहे हैं, उनको श्री ननकाना साहिब जी में लगाए जा रहे (हिंसक और अभद्र) नारों को सुनना चाहिए.'
अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, 'श्री ननकाना साहिब का घेराव करने वाली हिंसक भीड़ ने हमारे इस पवित्र स्थान का नाम बदलकर 'गुलाम-ए-मुस्तफा' रखने की धमकी भी दी है.'
उन्होंने आगे सवाल किया, 'जो सीएए और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का विरोध कर रहे हैं, अब क्या उन्हें और भी सबूत चाहिए?'
हरदीप सिंह पुरी ने कहा, 'इस घटनाक्रम से जाहिर है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को किस तरह मुश्किलों का सामना करता पड़ता है. एक भारतीय और एक सिख होने के नाते मैं उन सभी लोगों को धर्मनिरपेक्ष और संवेदनशील नहीं मानता, जो इन ज्यादतियों और उत्पीड़न की सच्चाई के प्रति अपनी आंखें बंद करके बैठे हैं.'
केंद्रीय मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के ट्वीट को भी रिट्वीट किया है.
गंभीर ने भी अपने ट्वीट में कहा, 'एक लड़की के जबरन धर्म परिवर्तन की घटना का समर्थन करने का दबाव बनाने के लिए निर्दोष पर्यटकों को जान से मारने की धमकी और उनपर पत्थरबाजी! यह पाकिस्तान है और इसलिए भारत सीएए का समर्थन करता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसबीच, पाकिस्तानी सेना के कठपुतली (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान) फर्जी वीडियो ट्वीट कर खुद को बेवकूफ बना रहे हैं.'
विदेश मंत्रालय ने भी शुक्रवार को पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारे में हुई तोड़फोड़ की घटना पर चिंता जाहिर की थी.