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Assam NRC: 30 लाख ने किया आवेदन, कौन हैं बाकी बचे 10 लाख लोग?

असम के नेशनल सिटीजन्स रजिस्टर के फाइनल ड्राफ्ट में नाम अंकित कराने के आवेदन के लिए अंतिम तिथ‍ि खत्म हो गई है. इसमें अपना नाम डलवाने के लिए 30 लाख लोगों ने आवेदन किया है और करीब 10 लाख लोग अब भी सूची से बाहर हैं.

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एनआरसी में आवेदन की अंतिम तिथ‍ि खत्म
एनआरसी में आवेदन की अंतिम तिथ‍ि खत्म

 Assam NRC Last date असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) के फाइनल ड्राफ्ट में छूट गए लोगों के फिर से आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर को खत्म हो गई. इस तिथि तक करीब 30 लाख लोगों ने फिर से अपनी नागरिकता का दावा किया है, जबकि एनआरसी ड्राफ्ट से कुल 40.07 लाख लोगों को बाहर किया गया था. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बाकी 10 लाख लोग कहां गए और वे कौन हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी में दावे और आपत्तियों के लिए 31 दिसंबर, 2018 तक की अंतिम तिथि तय की थी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद नए सिरे से दावों और आपत्तियों को स्वीकार करने का काम पिछले साल 25 सितंबर को शुरू हुआ था और यह प्रक्रिया 31 दिसंबर को खत्म हुई थी.

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जिन 40 लाख से ज्यादा लोगों का नाम 30 जुलाई को प्रकाशि‍त एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में नहीं था, उनमें से करीब 30 लाख लोगों ने राज्य भर के 2,500 एनआरसी सेवा केंद्रों (NSK) के माध्यम से अपनी नागरिकता के लिए आवेदन किया.

अब इन सभी दावों और आपत्त‍ियों की जांच प्रक्रिया 15 फरवरी से शुरू होगी. नए मौके के बाद भी दावा न कर पाने वाले 10 लाख लोगों में से एक नजमा खातून भी हैं. मूलत: यूपी की रहने वाले नजमा ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया कि उन्हें इस दावे के लिए दस्तावेज जुटाने में काफी मुश्किल आई. इसी तरह, गुवाहाटी शहर के मालिगांव इलाके में रहने वाले सुब्रतो रंजन दास ने दास ने बताया कि एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में उनकी पत्नी का नाम गलत छपा हुआ है.

दास ने आजतक को बताया, 'मेरी पत्नी का नाम उमा दास है, लेकिन उनका नाम शिल्पी दास छपा हुआ है. इसी तरह मेरी बड़ी बहन के पति और उनकी बेटी का नाम भी रजिस्टर में नहीं थी, हमने दस्तावेज जमा कर दिए हैं और उनका नाम डलवाने की कोशिश कर रहे हैं.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक 24 मार्च, 1971 के बाद असम आए सभी भारतीय नागरिकों और उनके परिजनों को इस सूची में शामिल किया जाएगा, बशर्ते कि उनके पास इससे पहले देश के किसी और हिस्से में रहने का कोई संतोषजनक दस्तावेज हो.

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