सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी मोहम्मद अजमल हक को अपनी नागरिकता साबित करने का नोटिस देने पर फजीहत झेलने के बाद असम पुलिस ने इसे गलत पहचान का मामला बताया.
गलत पहचान का मामला
असम के पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि शुरूआती जांच के बाद ऐसा लगता है कि यह गलत पहचान का मामला है क्योंकि जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और संदिग्ध विदेशी नागरिक के नाम में काफी समानता है, जिस वजह से उन्हें नोटिस चला गया.
मोहम्मद अजमल को मिला था नोटिस
सेना से जेसीओ के तौर पर सेवानिवृत्त हुए असम के रहने वाले मोहम्मद अजमल हक को पिछले महीने एक विदेशी मामलों की ट्राइब्यूनल से नोटिस मिला था. नोटिस भेजकर कहा था कि साबित करें कि वह भारतीय नागरिक हैं, न कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासी.
बता दें कि मोहम्मद अजमल हक की पत्नी मुमताज बेगम को भी इसी ट्राइब्यूनल ने 2012 में तलब कर नागरिकता साबित करने को कहा था. हक के मुताबिक, उस वक्त वह चंडीगढ़ में तैनात थे. यहां गौर करने वाली बता यह भी है कि जिस हलफनामे में उन्हें भारतीय नागरिक माना गया है, उसमें हक का नाम उनके पति के रूप लिखा हुआ है.