ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवेसी ने राष्ट्रीय गान एक्ट, 1971 में संशोधन की मांग की है. उन्होंने साथ ही गृह मंत्रालय की एडवाइजरी को भी बदलने की जरूरत बताई है. ओवैसी ने ये बयान सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद दिया है, जिसमें सिनेमाहॉलों में किसी भी फिल्म को दिखाने से पहले राष्ट्र गान बजाने को अनिवार्य कर दिया गया है.
ओेवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किसी को आपत्ति नहीं है, इस पर अमल होना चाहिए लेकिन सवाल ये है कि क्या आप ऐसा करके किसी व्यक्ति को देशभक्त बना सकते हैं. ओवैसी ने कहा कि आप राष्ट्रवादी हो सकते हैं लेकिन अहम ये है कि क्या आप देशभक्त हैं? ओवैसी ने आरोप लगाया कि ये सरकार अति-राष्ट्रवादियों की है. जो उनके साथ सहमत नहीं होता, वो उनकी नजर में देशद्रोही है.
ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के आदेश के संदर्भ में कहा कि 1971 अधिनियम और गृह मंत्रालय की एडवाइजरी को भी बदलना होगा. ओवैसी ने ये सवाल भी उठाया कि जो व्यक्ति खड़े होकर राष्ट्रगान नहीं गा सकता, शारीरिक तौर से फिट नहीं है या अगर कोई बीमार है तो उनका क्या होगा? ओवेसी ने कहा, 'ये तमाम सवाल है जिन को देखना पड़ेगा. गृह मंत्रालय की एडवाइजरी में और 1971 के एक्ट में यह कहीं नहीं लिखा गया है कि सब को खड़े होकर राष्ट्र गान गाना ही पड़ेगा.'