फुटबाल के महासमर का आखिरी तिलिस्म तोड़ने कल जब स्पेन और हालैंड की टीमें मुकाबिल होंगी तो यह जंग पैरों की कुशलता के साथ कलात्मकता की भी होगी जिससे विश्व फुटबाल को एक नया चैम्पियन मिलेगा.
अफ्रीकी सरजमीं पर खेले जा रहे पहले विश्व कप में फाइनल में हारने वाली टीम का नाम भी फुटबाल की इतिहास पुस्तिका में स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा. बड़े-बड़े दिग्गजों को पीछे छोड़कर खिताबी भिड़ंत तक पहुंची दोनों यूरोपीय टीमें अपनी भावी पीढी के लिये गौरवमयी दास्तान लिखने जा रही हैं.
खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में उतरी स्पेनिश टीम के पास यूरो चैंपियनशिप 2008 के बाद विश्व कप जीतकर दोहरी सफलता का ताज पहनने का मौका है. दूसरी ओर तीसरी बार फाइनल में पहुंची डच टीम फाइनल में हार की हैट्रिक बनाने से बचना चाहेगी.{mospagebreak}
जोहान क्राइफ की डच टीम 1974 के फाइनल में पश्चिम जर्मनी से जिस तरह हारी होगी, फुटबालप्रेमियों को आज भी याद होगा. स्पेन में जा बसे क्राइफ का दाव स्पेन पर है. उन्होंने कहा , ‘मैं डच हूं लेकिन स्पेनिश फुटबाल का मुरीद हूं.’ स्पेनिश खिलाड़ियों के आत्मविश्वास का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि शुरूआती लाइन अप में सेस्क फेब्रेगास जैसे धुरंधर को जगह नहीं मिल पाई. वहीं कोच विसेंटे डेल बोस्क ने फर्नांडो टोरेस को भी बेंच पर बिठाने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई.
जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने टोरेस की जगह बार्सीलोना के युवा विंगर प्रेडो को उतारा. वह कल फाइनल में भी ऐसा कर सकते हैं. दूसरी ओर हालैंड के पास वेसले श्नाइडेर और आर्येन रोबेन जैसे धुरंधर स्ट्राइकर है जो स्पेनिश डिफेंस को भेदने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे. दोनों टीमों को एक दूसरे के खिलाफ खेलने का अपार अनुभव है. एक दूसरे की कमजोरियां पता है तो ताकत का भी इल्म है लिहाजा रणनीति परिपक्व होगी.{mospagebreak}
यूरो 2008 के क्वार्टर फाइनल में रूस से अप्रत्याशित हार के बाद से लगातार 14 मैच जीत चुकी डच टीम बेहतरीन फार्म में है. किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि बर्ट वान मार्विज्क की टीम क्वार्टर फाइनल से पांच बार की चैंपियन ब्राजील का बोरिया बिस्तर बांध देगी. हॉफटाइम तक ब्राजील के 1-0 से आगे होने के बावजूद उसे हराने की उपलब्धि मामूली नहीं है.
श्नाइडेर ने दूसरे हॉफ में दो गोल करके जीत के सूत्रधार की भूमिका निभाई. इसके साथ ही वह स्पेन के डेविड विला के साथ गोल्डन बूट के पुरस्कार के दावेदार हो गए. दोनों के नाम पांच गोल हैं.
स्पेनिश डिफेंडरों के सामने श्नाइडेर को रोकना आसान चुनौती नहीं होगी. सर्जियो बस्केट्स और जाबी अलोंसो ने हालांकि कहा है कि वे श्नाइडेर को सोचने का भी मौका नहीं देंगे. इस साल सीरिज ए, इटालियन कप और चैंपियंस लीग खिताब जीत चुके श्नाइडेर हालांकि अपनी भूमिका को महत्व देने से इंकार करते हैं. उनका मानना है कि कोच का भरोसा और टीम का लगातार अच्छा प्रदर्शन ही उनकी जीत की कुंजी बनेगा.
श्नाइडेर ने कहा, ‘हम स्पेन को हरायेंगे. यदि खुद पर इतना भरोसा नहीं होगा तो हम कभी हरा नहीं सकेंगे. हमारे कोच ने हमसे यही कहा है.’ वहीं वान मार्विज्क ने कहा, ‘हम 1974 और 1978 फाइनल में मिली हार की बात नहीं सोच रहे. वह बीत चुका है. अब हमें कल के बारे में सोचना है.’{mospagebreak}
बराबरी के इस मुकाबले में दबाव को झेलने की क्षमता ही चैंपियन का निर्धारण करेगी. छोटे-छोटे पास पर टिकी लयबद्ध फुटबाल वाली स्पेनिश टीम की मैन टू मैन मार्किंग तोड़ने के लिये डच डिफेंडरों को काफी मेहनत करनी होगी. वहीं ‘वन टच पासिंग ’ में भरोसा रखने वाले हालैंड के खिलाड़ी भी अपने फन के महारती हैं.