सशस्त्र बल न्यायाधिकरण द्वारा एक शीर्ष अधिकारी को कारगिल संघर्ष की रिपोर्टों में गड़बड़ी करने तथा एक ब्रिगेडियर के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने का दोषी ठहराए जाने के बाद सेना ने आज कहा कि वह फैसले का विश्लेषण करेगी और इस संबंध में उचित कार्रवाई करेगी.
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमें अभी न्यायाधिकरण के फैसले की प्रति नहीं मिली है. फैसले की प्रति मिलने पर उसका विश्लेषण किया जाएगा और उचित कदम उठाए जाएंगे.’’ न्यायाधिकरण की प्रधान शाखा ने अपने फैसले में कहा है कि तत्कालीन जनरल आफिसर कमांडिंग (जीओसी) ले. जनरल किशन पाल 70 इंफेंट्री ब्रिगेड के पूर्व कमांडर ब्रिगेडियर देविन्दर सिंह के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रस्त थे.
साथ ही उन्होंने पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर न केवल उस ब्रिगेडियर की उपलब्धियों को कमतर कर आंका बल्कि यु़द्ध का गलत विवरण भी दिया. न्यायाधिकरण ने सेना को निर्देश दिया है कि मेजर जनरल पद पर सिंह की सांकेतिक प्रोन्नति पर विचार किया जाना चाहिए.