केयर्न इंडिया के भारतीय कारोबार के अधिग्रहण के बाद अनिवासी भारतीय अरबपति अनिल अग्रवाल की हैसियत रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के मुकेश अंबानी से चली जाएगी.
केयर्न इंडिया का अधिग्रहण करने और वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट एनर्जी का आईपीओ आने के बाद प्रवर्तक परिवार के मुखिया के तौर पर अनिल अग्रवाल के पास 1,67,000 करोड़ रुपये की शुद्ध परिसम्पत्ति होगी. प्रवर्तक परिवार के मुखिया के तौर पर मुकेश अंबानी के पास 1,45,275 करोड़ रुपये की नेटवर्थ (शेयरपूंजी और आरक्षित नकद कोष) है.
यद्यपि मुकेश की अगुवाई वाला रिलायंस इंडस्ट्रीज अग्रवाल के वेदांता से धनी समूह है, लेकिन बाजार पूंजीकरण के मामले में ये दोनों ही समूह टाटा से पीछे हैं. सूचीबद्ध कंपनियों के मामले में टाटा का बाजार पूंजीकरण 3,70,000 करोड़ रुपये है.
हालांकि प्रवर्तकों के धन के मामले में टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा की तुलना मुकेश अंबानी या अनिल अग्रवाल के साथ करना मुश्किल है.
अनिल अग्रवाल और मुकेश अंबानी अपने.अपने कारोबार के क्षेत्र में दिग्गज हैं. जहां अग्रवाल धातु एवं खनन में एक वैश्विक उद्योगपति हैं, वहीं मुकेश की गिनती पेट्रोकेमिकल के क्षेत्र में शीर्ष खिलाड़ियों में की जाती है.