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महागठबंधन या थर्ड फ्रंट? दिल्ली में कांग्रेस-SP-लेफ्ट सभी से मिले नायडू

कभी कांग्रेस और तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) में छत्तीस का आंकड़ा था क्योंकि टीडीपी का मानना था कि कांग्रेस की वजह से ही राज्य का बंटवारा हुआ. लेकिन अब हालात बदल गए हैं.

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चंद्रबाबू नायडू और राहुल गांधी [फोटो-ट्विटर]
चंद्रबाबू नायडू और राहुल गांधी [फोटो-ट्विटर]

एनडीए से अलग हुए चंद्रबाबू नायडू  भाजपा के खिलाफ पार्टियों को एकजुट करने का अभियान तेज कर दिया है. नायडू ने गुरुवार को दिल्ली में एक के बाद एक कई नेताओं से मुलाकात की. सबसे पहले वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले. दोनों में कई मुद्दों पर बातचीत हुई. इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि भारत और उसके संस्थानों को बचाने, भाजपा को मात देने और लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्षी दल मिलकर काम करेंगे.

एनडीए से अलग होने के बाद चंद्रबाबू नायडू पहली बार राहुल से मिले. क्योंकि कभी टीडीपी ने कांग्रेस पर राज्य का बंटवारा करने का आरोप लगाया था. इसके बाद दोनों दलों के बीच मतभेद बना रहा, पिछला लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी टीडीपी ने भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था.

नायडू ने कांग्रेस से बातचीत को लेकर कहा कि हमारे अतीत को लेकर लोगों में संदेह होगा, लेकिन यह लोकतांत्रिक विवशता है, देश को बचाने के लिए हम साथ आ रहे हैं.

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नायडू 2019 के लोकसभा चुनाव को देखेत हुए गैर भाजपा दलों को एकजुट करने में लगे हैं। नायडू ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात की.

राहुल ने नायडू की मौजूदगी में कहा था कि हम दोनों ने पीछे पलट कर न देखने का निर्णय लिया है क्योंकि इस समय देश महत्वपूर्ण है. नायडू ने कहा कि देश और लोकतंत्र को बचाने की आवश्यकता है, जिसपर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से चर्चा की और इस पर दोनों के बीच सैद्धांतिक सहमति थी।

बैठक के बाद उन्होंने एक ट्वीट भी किया कि किस तरह दोनों साथ में काम करने को लेकर उत्साहित हैं. राहुल ने कहा कि भविष्य की बात करना आज देश के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने सभी विपक्षी दलों से अपील की कि सभी को साथ आना चाहिए. राहुल ने कहा कि दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए हैं कि भाजपा को हर हाल में हराना है.

राफेल सौदे पर उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार हो रहा है. राफेल सौदे की जांच कर रहे संस्थान को निशाना बनाया गया है. नायडू और राहुल के बीच यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब दोनों की पार्टियों में तेलंगाना विधानसभा चुनावों में सीट साझा करने पर बातचीत जारी है। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव 7 दिसंबर को होने वाले हैं.

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नायडू इसके बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से भी मिले. बताया जा रहा है कि दोनों में भाजपा के खिलाफ सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने पर बात हुई. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला से भी नायडू की मुलाकात हुई, बाजपेयी की एनडीए सरकार में मंत्री रह चुके अब्दुल्ला मोदी सरकार के खिलाफ आवाज  बुलंद करते रहे हैं. नायडू गुरुवार को सीपीआई (एम) के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी से भी मिले.

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